Indore: खाद्य विभाग की टीम ने पकड़ा नकली घी
डिब्बों को खोलकर देखा तो यह दिखने और महक में शुद्ध घी जैसा ही नजर आ रहा था
इंदौर: जिला प्रशासन के निर्देश पर कल वीर सावरकर नगर में एक दुकान पर खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारा। यहां पांच हजार किलो से ज्यादा नकली घी मिला। लेकिन साथ ही एक बड़ी चालाकी भी देखने को मिली। नकली घी के डिब्बों पर कहीं भी ‘घी’ शब्द का इस्तेमाल तक नहीं किया गया था। लेकिन जब डिब्बों को खोलकर देखा तो यह दिखने और महक में शुद्ध घी जैसा ही नजर आ रहा था।
जिला प्रशासन और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम द्वारा शिकायत के आधार पर सींधी कॉलोनी के सामने वीर सावरकर नगर में बने एक गोदाम पर छापा मारा। इसका संचालक सन्नी परमार है। जांच में यहां से टीम को 5520 लीटर नकली घी मिला। जिसकी कीमत सात लाख से ज्यादा बताई जा रही है। लेकिन कार्रवाई से बचने के लिए इसके निर्माता और विक्रेता द्वारा किसी भी डिब्बे पर घी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था। यह देख खुद अधिकारी हैरान थे, जबकि यह पदार्थ बिलकुल घी जैसा था। बताया जा रहा है कि इस आधार पर निर्माता और संचालक नकली घी की कार्रवाई से भी बच सकते हैं। हालांकि उन पर बिना लाइसेंस निर्माण और व्यापार करने की कार्रवाई होना तय है
निर्माता के पास भी नहीं है लाइसेंस
खाद्य सुरक्षा अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि जांच के दौरान यहां से देव श्री ब्रांड का मंगल श्री, रामदेवम और वेज फेट्स लिखे तीन पैकिंग के डिब्बे मिले। सन्नी ने पूछताछ में बताया कि ये सारा माल राजस्थान के बूंदी की त्रिदेवी इंटरप्राइजेस से आता है। जिसे वो इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में बेचता है। जांच में सामने आया कि त्रिदेवी इंटरप्राइजेस के पास भी निर्माण का लाइसेंस नहीं है। उसके पास सिर्फ रिफांडड और पॉम आइल बेचने के लिए रिटेलर और होलसेलर का लाइसेंस है।
पैकेट्स पर सामग्री में लिखा भी पॉम ऑइल
नकली घी के फर्जी कारोबार में कार्रवाई से बचने के लिए पैकेट्स पर इंग्रीडिएंट्स (सामग्री) में बकायदा पॉम आइल लिखा भी गया है। ताकी कहीं भी जांच में इसे नकली घी के रुप में ना देखा जाए और पॉम आइल के नाम पर नकली घी का कारोबार चलता रहे, क्योंकि शासन की सख्ती के बाद घी लिखे किसी भी पैकेट की कहीं भी आसानी से जांच हो जाती है। लेकिन पैकेट्स खोलने पर निकलने वाला पदार्थ शुद्ध घी जैसा ही नजर आ रहा है।
कुकिंग मीडियम के लिए भी लेना होती है अनुमति
स्वामी ने बताया कि देश में कई कंपनियां अनुमति के साथ पॉम आइल, वेजिटेबल आइल और रिफाइंड आइल को मिलाकर इस तरह के प्रोडक्ट तैयार करती है। इसे कुकिंग मीडियम कहा जाता है और पैकिंग पर इसका उल्लेख करना जरुरी होता है। लेकिन इसके लिए पहले एफएसएसएआई से प्रोडक्ट अप्रूवल लेना होता है और इसके बाद इसके निर्माण का अलग से लाइसेंस लेना होता है। इसके बाद ही इसे तैयार कर बेचा जा सकता है। लेकिन यहां ऐसे किसी नियम का पालन सामने नहीं आया है।