सेक्सटॉर्शन के लिए बढ़ रहा बच्चों का इस्तेमाल, क्राइम के प्रति करें अवेयर

Update: 2023-05-08 07:26 GMT

भोपाल न्यूज़: मप्र में ऑनलाइन चाइल्ड एब्यूज और सेक्सटॉर्शन के मामले बढ़े हैं. सेक्सटॉर्शन के जरिए जबरन वसूली के लिए बच्चों का इस्तेमाल हो रहा है. नशेड़ी प्रवृत्ति के बच्चे अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट हैं. साइबर अपराधी साइबर स्टॉकिंग और साइबर बुलिंग के लिए भी बच्चों को शिकार बना रहे हैं. इसलिए साइबर क्राइम के प्रति अवेयर करना बहुत जरूरी है.

निपटने के दो विकल्प

पुलिस में रिपोर्ट,वकील के जरिए केस

निजी स्तर-फोरम से निकलना बेहतर

क्या कहता है कानून

सेक्शन 509- महिलाओं की मॉडेस्टी भंग करने के खिलाफ

सेक्शन 66 ए के तहत तीन साल तक की सजा

मप्र में 30 हजार चाइल्ड एब्यूज

क्या है साइबर बुलिंग

गंदी भाषा, तस्वीरों या धमकियों से इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से तंग करना ही साइबर बुलिंग कहलाता है. इसमें सोशल मीडिया, मैसेजिंग सेवाएं, मोबाइल फोन, टैबलेट या गेमिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं.

साइबर अपराध के तरीके रोज बढ़ते जा रहे हैं. साइबर बुलिंग और साइबर स्टॉकिंग भी साइबर क्राइम के एक रूप हैं. इसके लिए अमूमन बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे बचने का सही तरीका यही है कि किसी भी अनजान वीडियो कॉल, वॉटसअप पर आए वीडियो कॉल या टेलीग्राम पर चल रहे अश्लील वीडियो को देखने या खोलने से बचें. गलती से खुल भी जाए तो डरें नहीं. कॉल आए या धमकी मिले तो पुलिस को सूचित करें. बच्चों को सायबर क्राइम के प्रति अवेयर करें. उनकी गतिविधियों पर नजर रखें. लैपटॉप और मोबाइल चेक करते रहें ताकि पता चल सके कि बच्चा क्या देख-सुन रहा है. जागरुकता ही बचाव है.

क्या है साइबर स्टॉकिंग

साइबर स्टॉकिंग इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के जरिए किसी व्यक्ति, समूह या संगठन को परेशान करने से है. इसमें झूठे आरोप, मानहानि, बदनामी और परिवाद शामिल हैं.

बच्चों को दी जाती है ट्रेनिंग

पुलिस ने हाल ही में कुछ ऐसे गैंग को पकड़ा है जो सेक्सटॉर्शन के लिए बच्चों को जाल में फंसा कर ट्रेनिंग देते हैं. न्यूड वीडियो में अलग से आवाज दी जाती है. लड़कियों की आवाज में बात करना सिखाया जाता है और बाद में धन उगाही के लिए धमकी भी दिलवाई जाती है.

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