ऑनलाइन गेम तीन पत्ती में युवक हारा 10 लाख रुपए, परेशान होकर ट्रेन से कटकर की आत्महत्या
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जनता से रिस्ता वेबडेसक | कहते हैं कि लत किसी भी चीज की अच्छी नहीं होती, चाहे फिर वो लत ऑनलाइन गेम (Online Game) की ही क्यों ना हो. मध्य प्रदेश के राजगढ़ (Madhya Pradesh rajgarh) में एक युवक ने ऑनलाइन गेम के कारण ट्रेन के आगे लेटकर अपनी जान दे दी. हादसा इतना दर्दनाक था कि युवक का सिर और धड़ अलग हो गए. दरअसल युवक को मोबाइल में तीन पत्ती खेल खेलने का बहुत शौक था. इस गेम की लत के कारण युवक इस गेम में 10 लाख रुपए हार गया था. वो लोगों से कर्जा लेकर गेम खेला करता था. गेम के कारण उस पर लोगों की उधारी काफी हो गई थी. इसी कारण वो एक महीने से बहुत परेशान था.
ये पूरा मामला रविवार की रात आठ बजे ब्यावरा के पास पडोनिया गांव का है. युवक का शव रेलवे ट्रैक पर पड़ा था. इसकी सूचना लोगों ने पुलिस को दी. शव की पहचान विनोद दांगी के रूप में की गई. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है. पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही इस मामले में कुछ कहना संभव हो सकेगा.
दुकान पर बैठकर दिनरात खेलता था गेम
मृत युवक विनोद के दोस्तों का कहना है कि वो पिछले तीन महीने से तीन पत्ती गेम खेल रहा था. वो इस खेल को इतना खेलता था कि उसे इस गेम की लत हो गई थी. तीन पत्ती गेम खेलने के लिए उसने अपनी कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों से रुपए भी उधार लिए थे. इसमें वो 10 लाख रुपए भी हार चुका था. इस गेम का वो इतना दीवाना हो गया था कि दुकान पर बैठकर दिनभर यही गेम खेलता रहता था.
एक बार और आत्महत्या का किया था प्रयास
विनोद तीन बहनों में इकलौता भाई था. विनोद शादीशुदा था, उसके दो बेटे भी हैं. कुछ दिन पहले वह घर में फांसी लगाने का प्रयास कर चुका है, लेकिन परिवार वालों की नजर पड़ गई तो उसे बचा लिया गया था.
पैसे वाले घर से था विनोद
विनोद समपन्न घर से ताल्लुक रखता है. विनोद के पिता हेमराज दांगी बड़े किसान हैं साथ ही ब्यावरा में भोपाल रोड पर सरपंच ढाबे के पास उनका बड़ा कॉम्प्लेक्स हैं. इसमें 7 से 8 दुकानें हैं. सभी किराए पर हैं. विनोद यह कॉम्प्लेक्स देखता था. वो दिनभर यही बैठा रहता था. तीन महीने पहले ही उसने तीन पत्ती खेल खेलना शुरू किया था. इन तीन महीने में वो 10 लाख रुपए हार गया था. इसमें आधा से ज्यादा कर्ज लिए हुए था. ब्यावरा देहता थाना प्रभारी आदित्य सोनी ने इस संबंध में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.