2023 के चुनाव में फिर धर्म की राह पर नेता, कथाकार जुटाएंगे वोट

Update: 2022-12-27 09:55 GMT

इंदौर न्यूज़: नया साल चुनावी गहमागमी लेकर आएगा. 2023 में प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. अंतिम वर्ष में हर विधानसभा क्षेत्र के दावेदार जनता को अपनी ओर रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. टिकट की माथापच्ची शुरू होने के पहले ही जनता-जनार्दन का ज्यादा से ज्यादा आशीर्वाद चाहते हैं. ऐसे में मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा अपने पक्ष में करने के लिए नेताओं ने तरह-तरह के प्लान तैयार किए हैं. अपने क्षेत्र के लोगों की तासीर को देखते हुए ज्यादातर नेताओं का यह प्रयास है कि कोई ऐसा काम किया जाए, जिससे क्षेत्र की ज्यादा से ज्यादा जनता सीधे उनसे जुड़ सके. वह बिना बुलाए ही उनके आयोजन में आ जाए. कोई इसके लिए किसी बड़े नेता-अभिनेता को लाने की सोच रहा है तो कोई बड़े संत-साध्वी, कथाकार के जरिए धार्मिक आयोजन कर समर्थन जुटाने की जुगत में हैं.

हर आयोजन से जुड़ा होगा धर्म

देश के वर्तमान माहौल को देखते हुए हर नेता चाहता है कि उसके आयोजन में धर्म की बात हो. 2024 के चुनाव में धर्म ही सबसे बड़ा मुद्दा हो सकता है. ऐसे में भाजपा हो या कांग्रेस दोनों के ही दावेदार हिंदुत्व को आगे करके अपना चुनाव कैंपेन चलाएंगे. इसी क्रम में कथाएं, भजन संध्या, महोत्सव आयोजित होंगे.

भारत त्योहारों का देश है और यहां पर ज्यादातर नेताओं की राजनीति कॅरियर का रास्ता इन्हीं त्योहारों की गलियों से होकर गुजरता है. ऐसे में इस वर्ष आने वाले हर त्योहार में राजनीतिक का रंग दिखाई देगा. होली और दीपावली, संक्राति हो या गणेशोत्सव, सभी त्योहारों में राजनीतिक गतिविधियां शामिल की जाएंगी.

इन बड़े कथाकारों को दिया निमंत्रण: शहर में आगामी वर्ष में 6 से 7 बड़े संत-साध्वी व कथाकारों को आने के लिए निमंत्रण भेजा गया है. इनमें से कुछ ने तो आने के लिए सहमति भी दे दी है. इनमें बागेश्वर धाम के धर्मेंद्र कृष्ण महाराज, कथावाचिका जया किशोरी, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, कथावाचक दीदी मंदाकिनी श्रीरामकिंकर आदि की कथाएं आगामी दिनों में होने की चर्चा है.

लाखों रुपए किए जाएंगे खर्च: आगामी दिनों में होने वाले इस धार्मिक-सामजिक आयोजनों में लाखों रुपए खर्च किए जाएंगे. ट्रेंड पंडितों का कहना है कि किसी भी कथा या सम्मेलन यदि तीन दिन से अधिक का होता है तो उसका खर्च 4 से 5 करोड़ रुपए तक जाता है. इस तरह इस बार आयोजनों पर 50 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने का अनुमान है.

भोजन-भंडारे से लेकर उपहार तक: ऐसा नहीं है कि इस समाजिक आयोजनों में सिर्फ कथाएं होंगी. जन्मदिन के साथ ही नेताओं के घरों में भव्य शादियां भी होंगी. इनमें जनता के आशीर्वाद के लिए हर दिन भोजन-भंडारे और थाली सजाओ, फैंसी ड्रेस, गायन सहित अन्य प्रतियोगिताएं आयोजित कर उपहार बांटे जाएंगे. वहीं भव्य शोभायात्राओं में कलश, साड़ी बांटने का दौर भी चलेगा.

मार्च के बाद से शुरू होंगी कथाएं: धार्मिक आयोजनों की बात करें तो यह आयोजन मार्च माह से शुरू होंगे जो अक्टूबर माह तक चलेंगे. अब तक शहर की चार विधानसभाओं में बड़ी कथाएं हो चुकी है. वहीं आगामी दिनों में फिर से इन विधानसभा के अलावा एक, तीन और चार में भी बड़े आयोजन होना है.

हर आयोजन प्लान कर रहे प्लानर: राजनीतिक आयोजन भी अब इंवेट कंपनियों की मदद से हो रहे हैं. वहीं हर आयोजन को अनुशासित ढंग से करने के लिए इंवेट प्लानर की मदद कर रहे हैं. शहर के चर्चित इवेंट प्लानर सुनील अग्रवाल का कहना है कि हर इवेंट का स्वरूप देखते हुए हम उन्हें कई तरह के सुझाव देते हैं. इसमें भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टी के लोग शामिल हैं. खासकर चुनाव के कारण धार्मिक आयोजनों को लेकर अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी है.

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