कार सेवकों के सम्मान समारोह में शिक्षा मंत्री बोलेयथार्थ को देखेंगे तो हमारा रोम-रोम हिल जाएगा: मोहन यादव

Update: 2022-12-22 09:23 GMT

इंदौर न्यूज़: उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने राम राज्य की व्याख्या के दौरान माता सीता के जीवन की तुलना तलाकशुदा महिला के जीवन और उनके पृथ्वी में समाने को वर्तमान समय में आत्महत्या बता दिया. वे नागदा में नागदा में आयोजित कार सेवकों के सम्मान समारोह में बोल रहे थे. वंदे मातरम ग्रुप की ओर से इस दौरान 94 कारसेवकों का सम्मान किया गया. मंत्री के भाषण का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया है.

कार्यक्रम में मंत्री ने यह भी कहा कि राम राज्य लाने की जो कल्पना हमने की है, उनके जीवन के यथार्थ को देखेंगे तो हमारा रोम-रोम हिल जाएगा. सरल भाषा में कहा जाए तो जिस सीता माता के लिए इतना बड़ा युद्ध किया, उनके गर्भवती होने पर भी राज्य की मर्यादा के कारण उन्हें घर छोड़ना पड़ा. उस सीता माता के बच्चों को जंगल में जन्म लेना पड़े, वह माता इतने कष्ट के बावजूद पति के प्रति कितनी श्रद्धा रखती है कि कष्टों को भूलकर भगवान राम के जीवन की मंगल कामना करती है. आमतौर पर आज का समय हो, तो यह तलाक के बाद का जीवन समझ लो आप. किसी को घर से निकाल दो, तो ये होय क्या? ऐसे कष्ट के बाद भी संस्कार कितने अच्छे कि लव-कुश ने राम को दोबारा रामायण याद दिलाई.

अच्छी भाषा में कहा जाए, तो पृथ्वी फट गई, माता उसमें समा गई. सरल और सरकारी भाषा में कहा जाए, तो उनकी पत्नी ने उनके सामने शरीर छोड़ा. वर्तमान समय में शरीर छोड़ने को आत्महत्या के रूप में माना जाता है, लेकिन इतने कष्ट के बावजूद भगवान राम ने जीवन कैसे बिताया होगा, जिस सीता के बिना एक क्षण भी कल्पना करना मुश्किल है, लेकिन उसके बावजूद भी भगवान राम ने राम राज्य को अपना जीवन दिया.

भगवान राम के नाम से सत्ता हासिल करने वाले उनके बारे में इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. यह उनके मानसिक दिवालियेपन का प्रमाण है. राहुल गांधी ने जय सीताराम कहा तो इन्हें भी बोलना पड़ रहा है, लेकिन अब आत्महत्या जैसे शब्दों का प्रयोग भाजपा की रिति-नीति का फर्क बता रहा है.

- महेश परमार, विधायक

यादव धर्म का अध्ययन करें जयवर्धन

यादव के बयान पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने उन्हें धर्म और इतिहास का अध्ययन करने की सलाह दी.

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