मैं नीची जाति हूं इसलिए नहीं फहराने दिया तिरंगा
जातिगत भेदभाव के कारण वंचित करने का लगाया आरोप
मध्य प्रदेश: समूचा देश मंगलवार को आजादी का जश्न मना रहा था। मगर मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एक सरपंच सिर्फ इसीलिए तिरंगा नहीं फहरा पाया क्योंकि वह दलित है। सरपंच ने विद्यालय की प्राचार्य पर तिरंगा न फहराने देने का आरोप लगाया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बताया गया है कि विदिशा जिले के सिरोंज क्षेत्र के भगवंतपुर ग्राम पंचायत के सरपंच बारेलाल अहिरवार विद्यालय पहुंचे। उनका आरोप है कि उनके पहुंचने से पहले ही झंडा किसी और ने फहरा दिया था। सोशल मीडिया पर जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें विद्यालय की प्राचार्य सरपंच से अनुरोध कर रही हैं कि वह आएं और झंडा फहराएं, लेकिन सरपंच यही कह रहे हैं कि अब जब आपने झंडा किसी और से फहरवा लिया है तो नहीं जाऊंगा।
सरपंच का आरोप है कि मैं दलित हूं इसलिए मुझे स्कूल नहीं बुलाया गया और किसी दूसरे आदमी ने झंडा फहरा दिया। जबकि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सरपंच को ही झंडा फहराना चाहिए। जानकारी के अनुसार प्रशासन ने पूरे मामले की जांच कराने की बात कही है। अगर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया गया होगा और आरोप सही पाए जाएंगे तो कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर इस घटना का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें विद्यालय की प्राचार्य झंडोत्तोलन हो जाने के बाद भी सरपंच बारेलाल अहिरवार से अनुरोध कर रही हैं कि वह आएं और झंडा फहराएं, लेकिन सरपंच यही कह रहे हैं कि अब जब आपने झंडा किसी और से फहरवा लिया है तो मैं नहीं जाऊंगा।
'मामले की जांच के आदेश दिए' - एसडीएम
सरपंच ने आरोप लगाते हुए कहा कि, "वो कहती हैं कि तुम दलित हो तुम क्या जानो. आज स्वतंत्रता दिवस पर मुझे स्कूल में नहीं बुलाया और किसी और से तिरंगा झंडा फहरवा दिया. जबकि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सरपंच को ही झंडा फहराने का अधिकार है. स्कूल की प्रिंसिपल को वीडियो में सरपंच से यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, "मैंने आपको फोन किया था लेकिन आपने फोन नहीं उठाया, चलिए अब हमारे साथ चलिए." इस मामले में सिरोंज के एसडीएम हर्षल चौधरी ने संज्ञान लिया है और जांच करवाकर कार्रवाई करने की बात कही है. "इस बारे में हमको जानकारी प्राप्त हुई है, जानकारी प्राप्त होते ही हमने जांच करने के निर्देश दिए हैं, अगर जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल और आरोपों को सत्य पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी."
हर्षल चौधरी, एसडीएम
मौके पर मौजूद पंचायत सचिव अमीर हमजा ने कहा कि अभी तक ऐसा होता रहा है कि पंचायत भवन में सरपंच झंडा फहराते हैं फिर उसके बाद स्कूल में जाकर झंडा फहराते हैं. इसके लिये सरपंच को विधिवत सूचना दी जाती है. मगर सरपंच का आरोप है कि उन्हें इस बार सूचना नही दी गई. स्कूल कीं प्रिंसिपल ने किसी ओर से झंडा फहरवा दिया और सरपंच बारेलाल पंचायत भवन में बैठे रह गए. इस घटना से आहत हुए सरपंच बारेलाल ने कहा कि यह मेरे पद और जाति का अपमान है. मध्य प्रदेश में ऐसा आम हो गया है जब दलितों के साथ अन्याय होता है. उनको उनका हक नहीं मिल पा रहा.