कलियासोत डेम से नदी पर शुरू होगी हाइड्रो बिजली परियोजना

Update: 2023-05-06 10:45 GMT

भोपाल न्यूज़: शहर में करीब 15 किमी तक बहने वाली कलियासोत नदी हाइड्रो बिजली उत्पादन का बड़ा स्रोत बनेगी. ऑफ रिवर स्कीम के तहत पंप हाइड्रो स्टोरेज योजना यानि पीएचएस में इसे शामिल कर बिजली बनाई जाएगी. शुरुआती तौर पर यहां मध्यम श्रेणी सिस्टम से 50 मेगावाट तक बिजली बनेगी. इससे शहर की बिजली जरूरतें पूरी करने की योजना बनाई गयी है.

क लियासोत के मौजूदा डेम के एक हिस्से का अपर स्टोरेज टैंक बनेगा. एक स्टोरेज टैंक नदी के सर्वधर्म से पहले नदी के ही हिस्से में बनेगा. ये 13 शटर के बाद से सर्वधर्म के बीच दामखेड़ा होते हुए होगा. बीच में एक पंप सिस्टम होगा, जिससे पानी नीचे के टैंक से ऊपरी टैंक तक जाएगा. पानी के ऊपर से नीचे की ओर आने के बीच ही बिजली बनेगी. पानी ऊपर से नीचे की ओर टर्बाइन से होकर आएगा. जिससे बिजली बनेगी. ये सिस्टम एक तरह से एक बड़ी बैटरी की तरह होगा. जिसमें बिजली बनेगी.

योजना अभी शुरुआती

ऑफ रिवर स्टोरेज प्रोजेक्ट को साल के आखिर तक अंतिम रूप दिया जाएगा. यह काम निजी एजेंसियों से मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन करेगा.

अतिक्रमण घटेगा, पर्यटन भी बढ़ेगा

कलियासोत नदी बड़ा तालाब भदभदा डेम से शुरू होकर भोजपुर के पास तक पहुंचती है. नदी के दोनों तरफ के किनारों पर मिट्टी मलबे का भराव कर निर्माण किया जा रहा है. योजना पर काम शुरू होने पर अतिक्रमण रुकेंगे. जल पर्यटन भी बढ़ेगा.

817 गीगावॉट विद्युत उत्पादन

140 गीगावॉट सौर ऊर्जा

280 गीगावॉट पवन ऊर्जा

10151 मेगावॉट पंप हाइड्रो व 27 हजार मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज क्षमता

एनर्जी भविष्य की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करेगी

नवीनकरणीय एनर्जी भविष्य की ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करेगी. बिजली उत्पादन और स्टोरेज क्षमता बढ़ाने के लिए प्रदेश में कई साइट हैं. जिनमें से अंतिम चयन कर काम किया जाएगा

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