गया: राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में नई तकनीक से (प्री-फैबिक्रेटेड) फील्ड अस्पताल बनाए जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग ने पटना, बेतिया व दरभंगा में इस तरह का अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है. बिहार स्वास्थ्य सेवाएं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) ने इसके लिए निविदा जारी कर दी है. चयनित एजेंसी को तीन महीने के भीतर प्री-फैब्रिकेटेड अस्पताल बनाने होंगे.
विभागीय अधिकारियों के अनुसार एनएमसीएच पटना के परिसर में 100 बेड का प्री-फैब फील्ड अस्पताल बनाया जाएगा. इसके तहत आंतरिक व बाह्य सेनिटेशन, विद्युतीकरण, फर्नीचर व अन्य कार्य किए जाएंगे. इस मद में सात करोड़ 10 लाख 16 हजार खर्च किए जाएंगे. जीएमसी बेतिया में 42 बेड का प्री-फैब पीकू वार्ड का निर्माण होगा. इसके तहत आंतरिक एवं बाह्य व सैनिटेशन, विद्युतीकरण, फर्नीचर व अन्य कार्य किए जाएंगे. इस मद में दो करोड़ 88 लाख खर्च होंगे. गुरु गोविन्द सिंह सदर अस्पताल पटना में 42 बेड का प्री-फैब पीकू वार्ड का निर्माण होगा. इस मद में दो करोड़ 88 लाख खर्च होंगे.
वहीं, एनएमसीएच पटना में 20 बेड का आईसीयू तैयार किया जाएगा. इसके तहत सिविल काम के अलावा प्लम्बिंग, विद्युत, फर्नीचर, एचवीएसी, एमजीपीएस आदि के कार्य होंगे. इस मद में दो करोड़ 43 लाख 87 हजार खर्च होंगे. एनएमसीएच पटना में प्री-फैब स्किल सेंटर की स्थापना की जाएगी. इस मद में एक करोड़ 39 लाख 73 हजार खर्च होंगे. जबकि दरभंगा के 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 20-20 बेड का प्री-फैब वार्ड बनाए जाएंगे.
विभाग ने सिंघवाड़ा, घनश्यामपुर, बहादुरपुर, केवटी, बहेरी, अलीनगर, किरतपुर, गौराबौराम, हनुमाननगर, बिरौल व कुशेश्वरस्थान में 20-20 बेड का प्री-फैब वार्ड बनाए जाएंगे. इस मद में चार करोड़ 36 लाख खर्च होंगे. प्री-फैब अस्पताल बनने से उपरोक्त स्वास्थ्य संस्थानों में बेड की संख्या बढ़ जाएगी, जिसका लाभ मरीजों को मिलेगा. मौजूदा समय की तुलना में अधिक मरीज स्वास्थ्य संस्थानों में उपचार करा सकेंगे.
हेल्थ सेंटर खोले जाएंगे
स्वास्थ्य विभाग ने हरेक विधानसभा क्षेत्र में पांच-पांच हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने पर काम शुरू कर दिया है. बीएमएसआईसीएल ने मोतिहारी, चिरैया व ढाका में पांच-पांच हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने के लिए निविदा जारी कर दी है. 15 माह में इन तीनों विस क्षेत्रों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना लिया जाएगा.
क्या है प्री-फैबिक्रेटेड तकनीक
इस तकनीक में इमारत का पूरा ढांचा फैक्ट्रियों में तैयार किया जाता है. इमारत के ढांचे का स्टील फ्रेम तैयार कर लिया जाता है. इसी तरह दीवारों के लिए फाइबर सीमेंट मिक्स बोर्ड तैयार कर लिए जाते हैं. जिस स्थान पर इसे फिट किया जाना है वहां पर मजबूती के हिसाब से जमीन में गहराई तक सीमेंट और स्टील की मजबूत नींव बनायी जाती है. इमारत में निर्माण स्थल पर स्टील फ्रेम व फाइबर-सीमेंट बोर्ड को निर्माण स्थल पर केवल नट-बोल्ट से कसने का काम शेष रहता है. इस तकनीक से कई मंजिल ऊंची इमारतें बनाई जा सकती हैं. इस तकनीक से समय की बहुत बचत होती है.