होम्योपैथी चिकित्सक ने एलोपैथी से महिला की डिलीवरी करवा दी, नवजात को आया पैरालिसिस अटैक अब मामला दर्ज

अब दोषियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है

Update: 2022-02-12 12:56 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिस्ता वेबडेस्क: होम्योपैथी चिकित्सक ने एलोपैथी से प्रसूता का इलाज कर दिया और डिलीवरी करवा दी। बच्चे का जन्म हुआ तो बीमार हो गया, दोबारा इलाज करने पर उसे पैरालिसिस हो गया। शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जांच की तो लापरवाही सामने आई। अब दोषियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है।

जानकारी के मुताबिक मामला खजराना क्षेत्र का है। खजराना पुलिस के अनुसार एक महिला की डिलीवरी होनी थी। वह खजराना के अल रहमान अस्पताल में पहुंचीं। यहां डॉक्टर ने जरुरी जांचें करवाने का कहा। इस पर उसने सोनाग्राफी सहित अन्य जांचे करवाई और इलाज शुरू किया। इसके बाद डिलीवरी भी वहीं हुई। उसने बच्चे को जन्म दिया। बाद में बच्चा बीमार हो गया तो उसका दोबारा इलाज किया। इसी दौरान बच्चे को पैरालिसिस अटैक आ गया। बाद में पीड़िता ने परिजन के साथ अस्पताल प्रबंधन और इलाज करने वाले डॉक्टर की शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की। शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि इलाज करने वाली डॉक्टर स्वीटी हौम्योपैथिक डॉक्टर है, लेकिन उसने एलोपैथी से महिला का इलाज किया। इस कारण महिला और उसके बच्चे की जान पर बन गई। जांच रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस से बात की और दोषियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई।
उज्जैन में भी हुई थी लापरवाही 
गौरतलब है कि कुछ माह पहले उज्जैन में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। उज्जैन में देशमुख हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर श्रीपद देशमुख और डॉक्टर सुरेश शर्मा के खिलाफ नीलगंगा पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का प्रकरण दर्ज किया था। नजरअली मार्ग निवासी देवेन्द्र जैन को कोरोना के चलते अप्रैल में परिजन देशमुख अस्पताल ले गए थे। वहां डॉक्टर ने भर्ती किया था। डॉ. सुरेश शर्मा ने उनका उपचार किया। डॉ. शर्मा के पास होम्योपैथी की डिग्री है, लेकिन इलाज एलोपैथी से किया। 21 अप्रैल को देवेंद्र जैन की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाकर शिकायत की थी। सीएमएचओ ने जांच के लिए पैनल गठित की थी। इसमें जांच के दौरान बयान लिए गए जिसमें अस्पताल की लापरवाही उजागर हुई थी। 
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