इंदौर न्यूज़: इलाके में स्थित वन स्टॉप सेंटर के जरिए समझाइश के जरिए अपनों से बिछड़े लोगों को वापस मिलाकर खुशियां लौटाने का क्रम निरंतर जारी है. यहां के अधिकारियों की सक्रियता से सात माह से अलग शहरों में रह रहे पति पत्नी की जीवन में दोबारा खुशियां आई हैं. यहां तक कि ससुराल वाले भी समझकर बहू और उसकी बच्ची को अपनाने के लिए तैयार हो गए हैं. यहां की प्रशासक डां. वंचना सिंह परिहार के मुताबिक एक युवती परिवर्तीत नाम शालिनी ने आवेदन दिया कि उसका पति पिछले सात माह से उसके साथ नहीं है.
अधिकारियों से माने: भोपाल ट्रांसफर होने से वहां वे अकेले रहते है और मै अपनी बेटी के साथ इंदौर मे ंअकेली रहती हूं. मेरे पति न तो मुझे लेने के लिए आते हैं और ना ही बच्ची के लालन पालन के लिए खर्च देते हैं. मुझे न्याय दिलाया जाए. मामले की तह तक जाने के लिए समझाइश देने की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें पहले तो पति पत्नी के अलावा परिवार के लोग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे, लेकिन जब अधिकारियों ने समझाते हुए कानून का डर दिखाया,तब जाकर सब लोग साथ मे रहने के लिए तैयार हुए.
पत्नी ने लगाए ससुराल पर आरोप:
पत्नी ने आरोप लगाया ससुराल का माहौल ठीक नहीं है. पति होशंगाबाद में रहते हैं और मुझे भी साथ में रखना चाहते हैं लेकिन ससुराल में मुझे अच्छा नहीं लगता है. पति मेरी जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं उठाते हैं, इसलिए वहां नहीं रहना चाहती हूं. मैं कमाती हूं और अपना खर्च खुद उठाती हूं. पति ने बताया कि पत्नी को गलतफहमी हो रही है. उसका हम बराबर ध्यान रखते हैं. दोनों को काफी देर समझाने के बाद दोनों एक साथ रहने के लिए राजी हुए.
जिसके बाद खुशी खुशी यहां से रवाना किया गया.