लो फ्लोर बसों से संतनगर में दो माह में हो चुके हैं आधा दर्जन हादसे

Update: 2023-02-01 13:02 GMT

भोपाल न्यूज़: संतनगर के मेन रोड पर बने कॉरिडोर में लो फ्लोर बसें बेलगाम होकर चलती हैं. इसके लिए बस स्टॉप तक जाने की जरूरत नहीं है. कहीं भी हाथ देकर उसे रोका जा सकता है. इसके अलावा एक स्टॉप पर एक से अधिक बसें भी खड़ी रहती हैं. डिपो से लालघाटी तक कॉरिडोर कई जगह से कटा हुआ है, जिसका इस्तेमाल लोग पैदल और वाहन से एक ओर से दूसरी ओर जाने के लिए करते हैं. तेज रफ्तार से चलने वाली रेड बसों की चपेट में आने की आशंका हमेशा बनी रहती है. साथ ही कॉरिडोर में बस के अलावा दूसरे वाहनों की संख्या में बढ़ रही है, जो बसों से टकरा जाते हैं. एक समय था जब कट प्वॉइंट पर कर्मचारी तैनात रहे थे.

2021 जनवरी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद बैठक लेकर कॉरिडोर वाले इलाकों में रास्ते के दोनों ओर पैदल चलने वालों के फुटपाथ की बात कही थी. कुछ हिस्से में तो फुटपाथ ही नहीं है. मेन रोड पर व्यापारियों और उनके वाहनों का कब्जा रहता है, जिससे कॉरिडोर के बाहर पैदल चलने वाले दुघटर्नाओं का शिकार होते हैं.

दो माह में छह हादसे: दिसंबर 2022 और जनवरी 2023 के दो माह में ही आधा दर्जन हादसे बैरागढ़ के कॉरिडोर में हो चुके हैं. दिसंबर में तो घाट पर एक युवक की बस की चपेट में आने से जान चली गई थी.

बसों की रफ्तार पर पूरी नजर होती है. एक गंतव्य से दूसरे गंतव्य तक पहुंचे का समय भी तय है. यदि ड्राइवर तेज रफ्तार से वाहन चला रहे हैं तो ओर ध्यान रखा जाएगा. ड्राइवर को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है. तकनीक से भी बसों पर नजर रखी जाती है.

मनोज राठौर, एमआईसी परिवहन

एक्सीडेंट प्वॉइंट: काली मंदिर मोड़, निगम कॉम्प्लेक्स के सामने, संत कंवरराम चौराह, बैरागढ़ थाना, संतजी की कुटिया, इसाई कब्रिस्तान, हलालपुर स्टैंड है.

रोक टोक न होने से बैरागढ़ सीहोर नाके बस डिपो से लालघाटी की ओर इंदौर से आने वाले और भोपाल से इंदौर की ओर जाने वाले वाहन भी दौड़ते हैं, इसकी वजह निगरानी का न होना है. चार पहिया वाहनों के साथ दो पहिया वाहनों की संख्या भी कॉरिडोर में बढ़ रही है.

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