ग्वालियर: जिला अस्पताल की फाल सीलिंग टूटने के बाद उस पर ताला डल गया। हालात यह है कि आइसीयू पूरी तरह से पिछले दो महीने में कबाड़खाना बन चुका है। लेकिन आइसीयू की छत का सुधार कार्य नहीं किया जा सका। इस कारण से गंभीर मरीजों को जेएएच के लिए रैफर कर दिया जाता है। यदि ऐसे में कोविड के केस बढ़े तो जिला अस्पताल के पास आइसीयू भी उपलब्ध नहीं है। यही हालात इधर सिविल अस्पताल की है जहां पर आइसीयू तो तैयार पर स्टाफ नहीं है। जबकि जिला अस्पताल में दूसरी लहर को देखते हुए 20 बेड का आइसीयू तैयार किया गया था। कोविड की दूसरी लहर में आक्सीजन की किल्लत को देखते हुए जेएएच से लेकर जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट तैयार किए गए। लेकिन इन प्लांट का संचालन व रखरखाव ठीक से नहीं हो सका। जिस कारण से 60 फीसद प्लांट ठप पड़े हुए हैं। जिला अस्पताल में लगा प्लांट आक्सीजन की शुद्धता ठीक से सप्लाई नहीं कर पा रहा है। जबकि मोहना, डबरा, हस्तिनापुर व हजीरा का प्लांट को संचालित करने के लिए स्टाफ उपलब्ध नहीं है। इसलिए वह सब ठप पड़े हुए हैं।