इंदौर न्यूज़: भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में 100 से ज्यादा जेल प्रहरी के खातों से 14 करोड़ रुपए की जीपीएफ राशि निकलने का गबन सामने आने के बाद कलेक्टारेट सहित जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
पिछले दो साल से चल रहे इस गबन की जांच शाम को भोपाल से आई पांच सदस्यी टीम कर रही है, भी दिनभर जांच जारी रही. इसमें करीब 47 से ज्यादा खातों से 5.5 करोड़ से ज्यादा निकालने के दस्तावेज जांच टीम के सामने आ चुके हैं, जबकि 53 से ज्यादा जेल प्रहरियों के खातों की टीम फिलहाल जांच कर रही है. इस तरह के करीब 252 बाहरी खाते जांच टीम के सामने आए हैं. जांच टीम में शामिल जेल डीआइजी मंशाराम पटेल का कहना है कि टीम भी सेंट्रल जेल में जांच करेगी, फिलहाल जांच पूरी नहीं हुई है. टीम दोपहर तक भोपाल पहुंच जेल मुख्यालय को जांच सौंपेगी.
जीपीएफ निकलवाने पहुंचे जेल प्रहरी को आरोपी ने 2.5 लाख दे दिए उधार : दरअसल, करीब दो साल से चल रहे इस जीपीएफ गबन का राज तीन माह पहले खुल सकता था. जेल के मुख्य प्रहरी एसके चतुर्वेदी ने तीन माह पूर्व जीपीएफ निकलवाने के लिए आवेदन दिया था, कई दिनों तक जेल का लेखा शाखा अधिकारी रिपुदमनसिंह उन्हें बरगलाता रहा.
बाद में उसी ने चतुर्वेदी को 2.5 लाख रुपए उधार दे दिए. अगर यह राशि तीन माह पहले चेक कर ली होती तो यह गबन पहले ही सामने आ चुका होता. यह भी जांच टीम के सामने आया कि पिछले दो साल में ही सबसे ज्यादा 8 करोड़ रुपए जेल प्रहरियों के खाते से निकले इस दौरान जेल अधीक्षक उषा राजे थी और इसी दौरान 100 से ज्यादा जेल प्रहरियों के खाते माइनस में चले गए.