बकाया बिजली बिल के लिए सरकार ने काट लिए 35 करोड़

Update: 2023-02-11 10:53 GMT

इंदौर न्यूज़: नगर निगम अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत बताते हुए ग्रीन बांड जारी कर रहा है. हालांकि निगम का खजाना बदहाल है. सरकार ने निगम को हर माह दी जाने वाली चुंगी क्षतिपूर्ति राशि में बड़ी कटौती करते हुए 43 करोड में से 35 करोड़ रुपए काट लिए हैं.

इस कटौती से कर्मचारियों को वेतन देने में दिक्कत आ रही है. हालत यह है कि रोजाना होने वाली वसूली से वेतन दिया जा रहा है. राज्य सरकार निगम को हर माह 43 करोड़ रुपए देती है. इसी राशि से कर्मचारियों का वेतन, पेंशन, बिजली बिल आदि का भुगतान किया जाता है. जनवरी में निगम को सरकार ने केवल 8 करोड़ रुपए दिए हैं. निगम पर बिजली बिल का 80 करोड़ से ज्यादा बकाया है. प्रतिमाह बिजली बिल करीब 24 करोड़ आता है. खराब आर्थिक स्थिति के चलते निगम ने बिजली की बकाया राशि के लिए किस्त बंधवा ली थी, लेकिन उसका भी समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा है. इसके चलते कंपनी ने सीधे सरकार से ही राशि की कटौती करवा ली. सरकार ने निगम को दी जाने वाली राशि में से 35 करोड़ काटकर बाकी राशि दी है. ऐसे में निगम के लिए इस महीने कर्मचारियों और अधिकारियों को वेतन बांटना भी मुश्किल हो रहा है. निगम में काम करने वाले 19000 कर्मचारी और लगभग 4000 से ज्यादा पूर्व कर्मचारियों को हर माह लगभग 29.44 करोड़ रुपए वेतन और पेंशन के रूप में देने होते हैं.

सरकार पर बाकी हैं 450 करोड़

इंदौर नगर निगम के राज्य सरकार पर चुंगी क्षतिपूर्ति, स्टाम्प ड्यूटी आदि के करीब 450 करोड रुपए बाकी हैं. यह राशि लगातार बढ़ती जा रही है. सरकार द्वारा बकाया राशि में से किसी का भुगतान नहीं किया जा रहा है. निगम की ओर से नगरीय प्रशासन विभाग को लगातार पत्र लिखकर अवगत कराया जा रहा है कि बकाया राशि बहुत ज्यादा हो गई है. इसे जारी करें.

कुछ को दिया वेतन

निगम अफसरों और उच्च पद वाले कर्मचारियों को 6.35 करोड़ वेतन तो दे दिया गया, लेकिन शेष कर्मचारियों का वेतन बाकी है. वेतन नहीं मिलने पर नियमित सफाई कर्मचारियों द्वारा नाराजगी जताने पर शाम उनके लिए 3.97 करोड़ जारी किए गए. सफाई विनियमित, विनियमित कर्मचारी और मस्टर कर्मचारियों को वेतन अभी देना है.

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