ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: पांच साल में दोगुना हुआ एक्सपोर्ट, देश में राज्य की हिस्सेदारी 1.86 प्रतिशत
इंदौर न्यूज़: सरकार ने इस बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के प्रारूप और प्रकार दोनों में बड़ा बदलाव करते हुए निवेश घोषणा से अलग रणनीति तैयार की है. सरकार कंफर्म निवेश से रोजगार और बिजनेस कमिटमेंट से उत्पादकों के लिए मार्केट तलाशने पर जोर दे रही है. सरकार की मंशा 2025 तक भारत का एक्सपोर्ट दोगुना (1.20 लाख करोड़) करने और एफडीआइ की संभावनाओं को धरातल पर लाने की है. इसके लिए वातावरण की कमी को दूर करने की पहल कर रहे हैं.
विदेशी निवेशकों, प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आ रहे डेलीगेट्स के समक्ष प्रदेश की इंडस्ट्रियल तस्वीर पेश करने के लिए खाका तैयार हो रहा है. विभिन्न देशों के द्विपक्षीय व स्थानीय व्यापार संगठनों को भी बुलाया जा रहा है. इस रणनीति के पीछे सरकार की मंशा एक संपूर्ण समिट के कॉन्सेप्ट की है. जिसमें निवेशक, उत्पादक, कारोबारी तीनों मौजूद रहें. सरकार आत्मनिर्भर प्रदेश की त्रिमूर्ति के बीच माध्यम बने. इस रणनीति से प्रदेश से एक्सपोर्ट बढ़ेगा और एफडीआइ यानी फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट भी आएगा. मप्र औद्योगिक विकास निगम ने इस पर काम शुरू कर दिया है. मप्र ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन और डेवलपमेंट कमिश्नर इसका प्रारूप तैयार कर रहे हैं. आकलन के अनुसार, जिस तरह का ट्रेंड चल रहा है, अगले दो साल में प्रदेश से दोगुना एक्सपोर्ट होगा. एमडी मनीष सिंह का कहना है, 60 से 70 देशों के 300 से ज्यादा संगठन के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर रहे हैं. इसमें से 60 फीसदी तैयार हैं. सरकार के माध्यम बनने से इसका सीधा फायदा स्थानीय उद्योग व उत्पादकों को होगा. इससे निवेश और व्यापार दोनों मिलेगा. टीम एक्सपोर्ट के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले उत्पादों की सूची तैयार कर रही है. अभी देश के एक्सपोर्ट में मप्र की हिस्सेदारी 1.86 प्रतिशत है.
सेक्टर के अनुसार प्रदेश से एक्सपोर्ट:
उत्पाद श्रेणी निर्यात प्रतिशत
फार्मा 10,782 18
कॉटन व 8,693 15इसके उत्पाद
रेडीमेड गारमेंट 4,495 8
एल्युमिनियम 4,330 7
मशीनरी 3,877 7
ऑर्गेनिक 3763 6केमिकल
प्रोसेस्ड फूड 3,024 5
अनाज 2,317 4
इलेक्ट्रिक व 2040 3मशीनरी पार्ट
प्लास्टिक व 2020प्रॉडक्ट
आइटी, 13066 24 हैंडीक्राफ्ट
2017-18 33842
2018-19 44638
2019-20 37692
2020-21 47959
2021-22 58407
आत्मनिर्भर प्रदेश के कॉन्सेप्ट पर काम
प्रदेश में निवेश और बाजार दोनों मिलेगा
स्थानीय संगठन भी होंगे समिट में शामिल
70 देशों के 300 से ज्यादा संगठन होंगे शामिल
(राशि करोड़ रुपए में)