दलित युवक पर केस दर्ज करने के मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने किया ट्वीट, एफआईआर की मांग

एएसपी ने कहा बेबुनियाद है आरोप

Update: 2022-05-18 13:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : मामला 6 मई का है। खातेगांव थाने में कुछ हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने हरणगांव के राहुल बारवाल पर सोशल मीडिया के जरिएहिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का शिकायती आवेदन दिया था। इसके बाद राहुल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। 10 मई को जमानत मिलने के बाद जेल से छूटे राहुल ने आरोप लगाया कि खातेगांव थाने में टीआई की मौजूदगी में वहां पहले से मौजूद हिंदूवादी संगठनों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की। राहुल ने खातेगांव टीआई सुनील शर्मा पर मूंछें उखाड़ने व जातिगत शब्दों का प्रयोग करते हुए उसके साथ अमानवीय व्यवहार करने का भी आरोप लगाया। राहुल के साथ ही जेल भेजे गए दो अन्य युवकों रामदेव काकोड़िया और रामविलास बाकलीवाल ने भी पुलिस पर उनके साथ मारपीट करने और बिना किसी प्रकरण के जेल भेजने का आरोप लगाया। 13 मई को राहुल, रामदेव और रामविलास के समर्थन में भीम आर्मी और अन्य संगठन के कार्यकर्ताओं ने खातेगांव पुलिस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए देवास में एसपी को ज्ञापन दिया और टीआई सहित कुछ लोगों के

नाम देकर उन पर एट्रोसिटी एक्ट में कार्रवाई करने की मांग की।इस मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर खातेगांव टीआई पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए लिखा कि यहीं मानसिकता भाजपा के हिंदुत्व की है। न केवल बजरंग दल के लोगों पर बल्कि खातेगांव के टीआई पर भी एससी-एसटी कानून के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई होना चाहिए।इस मामले में एएसपी ग्रामीण सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि खातेगांव टीआई पर लगे आरोप बेबुनियाद है। एएसपी ने कहा कि राहुल बारवाल के मूंछे उखाड़ने व जातिगत शब्द के संबंध में जो भ्रामक बातें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई है वे एकदम असत्य, बेबुनियाद व तथ्यों से परे हैं। राहुल बारवाल ने अपने फेसबुक पोस्ट पर आपत्तिजनक बातें लिखीं थीं। इससे क्षेत्र के ग्रामीणों की धार्मिक भावना आहत होने व शिकायत करने पर थाना खातेगांव में मामला दर्ज किया गया था।
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