सागर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि फर्स्ट टाइम वोटर्स को जानना होगा कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश और प्रदेश के हालात में कितना बदलाव लाया है।
सागर में 'नव मतदाता सम्मेलन' में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने कहा कि लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और हमारे नव मतदाता नई सरकार बनाने, देश के प्रधानमंत्री और सांसदों को चुनने के लिए तैयार हैं। लेकिन, इस चुनाव में जाने से पहले 18-19 साल के जो नव मतदाता हैं, उनको यह जान लेना जरूरी है कि 2003 में मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने से पहले प्रदेश की क्या हालत थी? 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले देश की क्या हालत थी? नव मतदाताओं के लिए यह जान लेना जरूरी है कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने कैसे देश और प्रदेश को उस विकट परिस्थिति से निकाला और किस तरह देश-प्रदेश का कायाकल्प किया।
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक देश पर शासन किया। लेकिन, 2014 से पहले जब कोई भारतीय विदेश जाता था या वहां से कोई प्रतिनिधिमंडल भारत के दौरे पर आता था, तो पता चलता था कि भारत को दुनिया में एक भ्रष्टाचारी देश के रूप में जाना जाता था। कांग्रेस की सरकारों के समय हर दिन नए घोटाले होते थे। कांग्रेस के ही एक प्रधानमंत्री राजीव गांधी को यह कहने पर विवश होना पड़ा था कि हम गरीबों के लिए एक रुपया भेजते हैं, तो 15 पैसे ही उस तक पहुंच पाते हैं, बाकी 85 पैसे दलालों, बिचौलियों और भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के जमाने में न देश सुरक्षित था और न सीमाएं सुरक्षित थीं। आए दिन कहीं पर भी आतंकवादी हमले हो जाते थे, बम विस्फोट होते थे। उस समय हर सार्वजनिक स्थान पर यह सूचना लिखी होती थी कि किसी लावारिस वस्तु को हाथ न लगाएं, उसमें बम हो सकता है। केरल, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ और झारखंड तक नक्सलवाद का बोलबाला था।
उन्होंने जिक्र किया, "मैं देश के भविष्य का निर्माण करने वाली पीढ़ी के युवा साथियों से यह पूछना चाहता हूं कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद क्या कभी सुना है कि कहीं पर विस्फोट या आतंकवादी हमला हुआ है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी सेनाओं को इतना सक्षम और अधिकार संपन्न बना दिया है कि अगर आज कोई आतंकवादी घुसपैठ करता है, तो उसे गोली मारने से पहले हमारे सैनिकों को सोचना नहीं पड़ता और न ही दिल्ली से आदेश की प्रतीक्षा करना पड़ती है। हमारी सेना आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर मारने से भी नहीं चूकती।"
--आईएएनएस