इंदौर न्यूज़: अगामी विधानसभा चुनाव की जमीनी हकीकत पता करने भाजपा ने विस्तारकों को मंडल स्तर पर सर्वे के लिए भेजा था. सर्वे का काम खत्म हो गया. विस्तारकों ने एक गोपनीय रिपोर्ट भी बनाई, जो जल्द राष्ट्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी. सूत्र बताते हैं कि सर्वे में भाजपाइयों पर अफसरशाही हावी होना सामने आया है.
वहीं, कुछ जगह तो खुलकर गुटबाजी की बात सामने आई है. साल के अंत में होने वाले चुनाव से पहले भाजपा अपनी जमीनी हकीकत का पता लगा रही है. इसके चलते 28 मंडलों में सात दिन से विस्तार इंदौर में ही डेरा जमाए हुए थे. वे बूथ इकाई तक पहुंचे तो कुछ जगहों पर जनता से भी सत्ता की स्थिति जानी. यह भी जाना कि सरकारी योजना का लाभ पार्टी को अगामी चुनाव में मिलेगा या नहीं? इसके अलावा विस्तारकों ने संगठन और संभावित प्रत्याशियों की भी स्थिति की गोपनीय जानकारी ली. सर्वे में यह बात भी सामने आई कि सरकार के होते हुए उनकी सुनवाई अफसर नहीं करते.
12 चुनावों का लिया डाटा
विस्तारकों ने चार लोकसभा, चार विधानसभा और चार नगर निगम चुनाव के परिणामों का डाटा जुटाया है. जातिगत समीकरण को समझने के साथ बूथों का आंकलन भी किया. हार-जीत की वजह का भी पता लगाने की कोशिश की है, ताकि रिपोर्ट में वे स्थिति स्पष्ट कर सकें.
विधायक आधारित हो गई पार्टी
सूत्र बताते हैं कि सर्वे में यह भी सामने आया है कि कार्यकर्ता किसी नेता से जुड़ा है तो उसकी पूछ-परख ज्यादा है. संगठन के प्रति समर्पण रखने वाले कार्यकर्ताओं को तबज्जों नहीं मिलती. विधायक आधारित पार्टी का होना भी सामने आया है.