कीचड़ में तबदील सड़क पर रोपा लगाकर जताया विरोध, मंत्री जी के क्षेत्र का है ये आलम

कीचड़ में तबदील सड़क पर रोपा लगाकर जताया विरोध

Update: 2022-07-25 16:49 GMT

बालाघाट। मध्य प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे के विधानसभा क्षेत्र में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारत नजर आ रही हैं. सुविधाओं से वंचित लोग कुछ अलग ही अंदाज में अपना विरोध प्रकट कर रहें हैं. यहां पर लोग कीचड़ से सनी सड़क पर धान का रोपा लगाकर अपना आक्रोश जाहिर करते नजर आ रहे हैं. परसवाड़ा के ग्राम बीजाटोला के ग्रामीणों ने सड़क बनाने और पानी की निकासी के लिए नालियों के निर्माण की मांग की है.

चलने लायक नहीं बची सड़क: पूरा मामला परसवाड़ा मुख्यालय का है . ग्राम पंचायत परसवाड़ा के ग्राम बीजाटोला में कीचड़ युक्त सड़क, जो चलने लायक नहीं बची है. जिसके कारण लोगों को आने जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं स्कूली बच्चों के कई बार कीचड़ में गिरने से कॉपी, पुस्तक और कपड़े भी खराब हो रहें हैं. इन्ही सब समस्याओं से परेशान और आक्रोशित ग्रामीणों ने बीच सड़क पर धान का रोपा लगाकर अपना विरोध प्रकट किया है.
शिकायतों के बावजूद अब तक नहीं निकला समाधान: ग्रामीणों का कहना रहा कि ''सड़क की हालत खस्ता हाल है. सड़क में जगह-जगह गंदा पानी और कीचड़ है. जिसकी शिकायत कई बार पंचायत से की गई लेकिन कोई उचित समाधान आज तक नहीं निकाला जा सका है''. वहीं उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से बरसात के मौसम में यही आलम इस सड़क पर बना रहता है. किन्तु जवाबदारों ने मानो इस ओर देखने की बजाय अपनी आंखें ही मूंद ली हैं. हालांकि इस पूरे मामले पर जवाबदारों का वही रटा रटाया जवाब सामने आया कि ''शीघ्र ही समस्या का समाधान किया जाएगा''. इस मामले पर मंत्री ने भी आश्वस्त कराया है कि ''अब चुनाव सम्पन्न हो गए हैं. नई कार्यकारिणी बन चुकी है. हमें सड़कों की समस्या से अवगत कराया गया है. शीघ्र इस पर कार्य किया जाएगा''.
मंत्री जी ने दिया आश्वासन: बहरहाल मंत्री जी के द्वारा सड़कों सहित अन्य समस्याओं पर आश्वासन तो दे दिया गया है, की शीघ्र ही इनका निराकरण हो जाएगा. नई सड़के बनवाई जाएंगी. किन्तु देखना यह है कि मंत्री के आश्वासन को यहां का स्थानीय अमला कितनी गम्भीरता से लेता है, और आखिर कब तक उस पर अमल किया जाता है. क्योकि इसके पहले भी कई बार सरकारी आदेश को स्थानीय प्रशासनिक अमले ने गंभीरता से नहीं लिया है. अगर परसवाड़ा में प्रशासनिक अमला गम्भीरता से कार्य करता तो शायद परसवाड़ा की तस्वीर कुछ और होती. मगर अफसोस दृढ़ इच्छाशक्ति की कमी और प्रशासनिक अमले की उदासीनता के दंश से आज भी परसवाड़ा ग्रसित नजर आ रहा है. परसवाड़ा के ग्राम बीजाटोला के ग्रामीणों ने सड़क बनाने और पानी की निकासी के लिए नालियों के निर्माण की मांग की है.

Similar News

-->