इंदौर न्यूज़: देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की 2021-22 बैच के दीक्षांत समारोह में सभी टॉपरों को सम्मान दिलाने के लिए कार्यपरिषद सदस्य प्रो. मंगल मिश्र ने मांग उठाई है. उन्होंने यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर मांग की है कि जिन संकाय में मेडल स्थापित नहीं हैं, उनके टॉपरों को यूनिवर्सिटी अपनी ओर से देवी अहिल्या मेडल देकर सम्मानित करे. उन्होंने पूर्व में स्पॉन्सरशिप के लिए सहमति देने वालों से संपर्क करने की गुजारिश भी की है. कार्यपरिषद की अगली बैठक में यह प्रस्ताव रखा जाएगा. यूनिवर्सिटी के अधिकारी समय रहते प्रयास करते तो इस सत्र के लिए ही एक दर्जन नए पदक शामिल हो सकते थे. दीक्षांत समारोह फरवरी 2023 में कराने की सहमति बनी है. कुलाधिपति की मंजूरी मिलते ही तारीख की घोषणा की जाएगी. समारोह में उन संकाय के टॉपर को पदक और प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया जाता है, जिनमें पदक स्थापित हैं. इस वजह से कई संकाय के टॉपर पदक तो दूर, समारोह में आमंत्रित तक नहीं किए जाते. पिछली बार दो बैच का दीक्षांत समारोह एक साथ होने से 188 गोल्ड और 22 सिल्वर पदक दिए गए थे. कई संकाय में एक से अधिक पदक होने के कारण सम्मानित होने वालों की संख्या करीब 100 थी. इनके अलावा भी बड़ी संख्या में ऐसे होनहार विद्यार्थी हैं, जिन्होंने दोनों सत्र में यूजी-पीजी के अलग-अलग कोर्स में टॉप किया, लेकिन दीक्षांत समारोह में इन टॉपर का जि₹ तक नहीं हो सका.
डीएवीवी में सबसे ज्यादा करीब 100 पदक सिर्फ मेडिकल संकाय में हैं. जबलपुर में मेडिकल यूनिवर्सिटी खुलने के बाद मेडिकल के कोर्स वहां शिफ्ट हो चुके हैं. इन पदकों को लेकर अब संशय की स्थिति है. ये सभी पदक स्पॉन्सर किए गए हैं, इसलिए यूनिवर्सिटी अपनी मर्जी से किसी अन्य संकाय के टॉपर को इन्हें नहीं दे सकती है.