शहर की सीमा में बाघ को आने से रोकने के प्रयास, छिड़की जाएगी अल्फा मेल बाघ की यूरिन
रायसेन। शहरी सीमा में बाघ के लगातार मूवमेंट रोकने के लिए वन महकमे के अफसरों ने अब अल्फा मेल बाघ की यूरिन पर उन्हें उस स्थान पर छिड़कने जा रही है जहां से बाघ शहरी सीमा में आता है। ताकतवर बाघ की यूरिन की गंध से छोटे बाघ को डराने का प्रयास किया जा रहा है वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि ताकतवर टाइगर से छोटे टाइगर डरते हैं और वह उनके क्षेत्र में नहीं जाते हैं ऐसा अभिनव प्रयोग करने के लिए वन विभाग में वन विभाग से अल्फा बाग की यूरिन मंगवाई है। एक रोज पहले गुरुवार को शाम यह ताकतवर बाघ रायसेन बाईपास की शहरी सीमा में लगे क्षेत्र में घूमता दिखाई दिया था ।यह बाघ श्री कृष्ण गौशाला के समीप तक पहुंच गया था ।बाघ को सड़क से निकलते समय कार में सवार रायसेन आरआई पुलिस कविता डामोर ने देखा था और उन्होंने तत्काल इसकी सूचना वन विभाग के अफसरों को दी थी ।जानकारी मिलते ही डीएफओ विजय कुमार सहित एसडीओ सुधीर पटले सहित वन अमला मौके पर पहुंच गया था ।रात भर से वन अमला रायसेन बायपास मार्ग पर ही गश्त कर रहा था ।रायसेन बाईपास किनारे आग भी जलाकर रखी गई थी ।ताकि बाग किले की पहाड़ी की तरफ ना जा सके सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से शुक्रवार की सुबह वन विभाग अमला रायसेन के किले पर पहुंचकर वहां रास्तों पर ड्यूटी तैनात रहा ।ताकि शिवरात्रि पर्व के मेले में किले पर आने वाले से भक्तों को सुरक्षा प्रदान की जा सके।
अब सदालतपुर के करीब रात में दिखाई दिया बाघ...
जंगल से बाहर निकलकर खेतों में भी बाघ का लगातार मूवमेंट हो रहा है।लेकिन काबिले गौर फरमाने वाली बात तो यह है कि बाघ ने कोई भी व्यक्ति पर हमला नहीं किया है। वन विभाग का अमला जब रात में सर्चिंग कर रहा था। तभी वन अमले को सूचना मिली कि सदालतपुर बायपास मार्ग पर फिर बाघ घूमता दिखाई दिया है ।इस सूचना पर वन अमला वहां पहुंचा और जांच पड़ताल की गई तो ।बाघ के पगमार्क मिले ।शुक्रवार की सुबह भी एसपी ऑफिस के पास पुराने होमगार्ड ऑफिस भवन के पास बाघ के होने की जानकारी आई थी ।वन अमले ने यहां पर भी पहुंच कर मामले की जांच पड़ताल की गई तो बाघ के ब किसी तरह के पदचिन्ह और कोई सबूत नहीं मिले ।मतलब यह सूचना सिर्फ महज अफवाह झूठी साबित हुई
रायसेन वन मंडल की सीमा में 15 बाघ और 70 तेंदुए उनके 4 शावक
रायसेन मंडल की सीमा में महू इंदौर से आए बाघ के मूवमेंट की पुष्टि हुई है ।महू और रायसेन के बाघ में एक जैसी समानताएं पाई गई हैं। वन अमले ने दोनों के डाटा का मिलान किया है जो एक जैसा ही पाया गया है। वन विभाग का अमला अब महू वाले बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रहा है। तो एसडीओ सुधीर पटले की माने तो रायसेन वन मंडल की सीमा में 15 बाघ और 70 तेंदुए और उनके चार शावक हैं ।इन पर नजर रखने के लिए रिस्पांस टीम भी गठित की गई है जो बाघ के मूवमेंट की जानकारी मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंचेगी। युवाओं को बाघ मित्र भी बनाए जा रहा है ।बाघ संरक्षण को लेकरइन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा ।ताकि टाइगर की गतिविधियों पर सटीक तरीके से नजर रखी जा सके। वन विहार भोपाल से ताकतवर टाइगर की यूरिन को मंगवाया जा रहा है। उसे उन स्थानों पर छिड़का जाएगा जहां से यह बाघ शहरी सीमा क्षेत्र में घुसता है। ताकतवर बाघ की यूरिन की गंध के कारण इसका शहर में आना बंद हो जाएगा ।बड़े बाघ के एरिया में छोटे बाघ घुसने से डरते हैं ।अब ऐसा अभिनव प्रयोग किया जा रहा है।