'किसानों में न पनपने दें असंतोष'...CM शिवराज सिंह ने खाद की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त एक्शन के दिए निर्देश

खाद की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त एक्शन के दिए निर्देश

Update: 2021-12-08 17:16 GMT
मौजूदा रबी सीजन में खाद का भारी संकट (Fertilizer Shortage) झेलने वाले मध्य प्रदेश में अब इसकी ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर सख्ती बरती जाएगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आठ जिलों सतना, श्योपुर, सागर, शहडोल, अशोकनगर, शिवपुरी, रीवा और मुरैना के कलेक्टरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर खाद की कालाबाजारी करने वालों पर सख्त एक्शन के निर्देश दिए हैं. चौहान ने कहा कि किसानों को खाद वितरण में कोई दिक्कत नहीं आए. इसे लेकर कहीं पर असंतोष पैदा न हो.
चौहान ने दावा किया कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है, जिसका वितरण ठीक ढंग से सुनिश्चित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर्स युक्ति बुद्धि और तरीके से प्रशासकीय क्षमता का उपयोग करते हुए खाद का वितरण सुनिश्चित करें. एक जगह पर खाद वितरण के लिए किसानों की भीड़ न बढ़ाएं. खाद वितरण व्यवस्था को विकेंद्रीकृत कर अलग-अलग केंद्रों पर खाद का वितरण सुनिश्चित करें.
किसानों में न होने दें असंतोष
चौहान ने कहा कि किसानों (Farmers) की सकारात्मक सोच बनाए रखने और असंतोष पैदा न होने देने के लिए भरपूर प्रयास करें. यदि खाद की आवश्यकता है तो बता दें, जिससे संबंधित जिलों में खाद भिजवाई जा सके. खाद को ब्लेक न होने दें. ब्लैक करने वालों पर कठोरतम कार्रवाई करें. बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव अजीत केसरी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.
बता दें कि अक्टूबर की शुरुआत में जब किसान गेहूं और सरसों की अगेती बुवाई कर रहे थे तब प्रदेश के कई जिलों में खाद का भारी संकट था. कई जिलों में किसानों को डीएपी (DAP) लेने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में घंटों खड़ा होना पड़ा था.
नहीं होगी खाद की कमी
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदेश में खाद की उपलब्धता को लेकर इसी सप्ताह नई दिल्ली में उर्वरक मंत्रालय के सचिव राजेश कुमार चतुर्वेदी से मुलाकात की थी. सचिव ने पटेल को भरोसा दिलाया था कि खाद की उपलब्धता की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी. दिसंबर में खाद की जो डिमांड है उसे इसी माह में पूरा कर दिया जाएगा.
पटेल का कहना है कि प्रदेश में विकेंद्रीकरण व्यवस्था के तहत किसानों को डीएपी और यूरिया दी जा रही है. जो डिफाल्टर किसान हैं उन्हें विपणन संघ के गोडाउन से डीएपी और यूरिया (Urea fertilizer) दिया जा रहा है. किसान इकट्ठे होते हैं, लाइन लगती है. उसमें कांग्रेसी और असामाजिक तत्व हंगामा करते हैं तो पुलिस सख्ती करती है. इसी को यह भ्रम फैलाया जाता है कि सरकार अन्नदाता के ऊपर लाठी चार्ज कर रही है.
Tags:    

Similar News

-->