किरनापुर तहसील के ग्राम जराही की 26 वर्षीय प्रीति नंदलाल मेश्राम ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया था। इनमें तीन लड़के एवं एक लड़की शामिल है। जन्म के समय इन शिशुओं की हालत बहुत नाजुक थी और उनका जीवित रह पाना मुश्किल लग रहा था।
बालाघाट जिला अस्पताल में एक साथ जन्में चार बच्चों को जन्म के 53 दिन बाद घर जाने के लिए छुट्टी मिल गई है। एक महिला ने 23 मई 2022 को एक बच्ची समेत चार बच्चों को जन्म दिया था। जन्म के समय नवजात शिशुओं की स्थिति बेहद नाजुक होने के कारण बच्चों को एसएनसीयू में रखा गया था। बच्चों के स्वस्थ होने पर 53 दिन बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया। डिस्चार्ज करते समय बच्चों को खिलौने व कपड़े उपहार के रूप में दिये गये।
NSCU में भर्ती थे बच्चे
जिला चिकित्सालय बालाघाट में पदस्थ शिशु विशेषज्ञ डॉ. निलय जैन ने बताया कि किरनापुर तहसील के ग्राम जराही की 26 वर्षीय प्रीति नंदलाल मेश्राम ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया था। इनमें तीन लड़के एवं एक लड़की शामिल है। जन्म के समय इन शिशुओं की हालत बहुत नाजुक थी और उनका जीवित रह पाना मुश्किल लग रहा था। उपचार के लिए उन्हें गहन शिशु चिकित्सा ईकाई में रखा गया था। 53 दिनों के उपचार के बाद स्वस्थ्य होने पर डिस्चार्ज किया गया है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निलय जैन के नेतृत्व में डॉ. सुधा जैन, डॉ. ज्योत्सना मेश्राम एवं एसएनसीयू की पूरी टीम ने अथक परिश्रम कर इन चारों शिशओं को नया जीवन दिया है। एक साथ चार बच्चों के जन्म लेने एवं उनके जीवित रहने का यह बालाघाट जिले में अपनी तरह का पहला मामला है।
खिलौने एवं कपड़े उपहार में दिये गये
डिस्चार्ज करते समय अस्पताल कर्मियों ने बच्चों को खिलौने व कपड़े उपचार में दिये। डॉ. निलय जैन व पत्रकार अनिल नामदेव ने पौष्टिक आहार के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान किया। सिविल सर्जन डॉ. संजय धबड़गांव ने इन शिशुओं को उनके गांव तक पहुंचाने के लिए जिला चिकित्सालय की ओर से नि:शुल्क एम्बुलेंस की व्यवस्था कराई।