इंदौर न्यूज़: अपनी चार साल पुरानी मांगों को लेकर प्रदेश के एनएचएम के संविदा कर्मचारियों का विरोध-प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. इंदौर में सीएमएचओ कार्यालय परिसर में संविदा कर्मचारियों ने धरना दिया. विरोध स्वरूप महिला कर्मचारियों सहित सभी ने अपना खून निकालकर पत्र लिखा. पत्र मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को भेजा जाएगा. कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि हमारी मांगें जल्द नहीं मानी गईं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांग है कि अन्य राज्यों की तरह हमें भी नियमित किया जाए व सीएमएचओ को एमएचआइपी कैडर में नियमित किया जाए. एनएचएम के सभी प्रोग्राम, जिनके कैडर निर्धारित नहीं हैं, उनके भी कैडर बनाकर नियमित किया जाए. नियमितिकरण की प्रक्रिया के प्रचलन होने तक की स्थिति में 5 जून 2018 की नीति लागू कर नियमित कर्मचारियों का न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन तथा अन्य सुविधाएं आज दिनांक तक एरियर सहित एनएचएम के सभी संविदा कर्मचारियों को तत्काल आदेश जारी करें. संघ की जिला अध्यक्ष नीतू केल्दे ने बताया, सरकार से अपील है कि मांगें जल्द पूरी की जाएं.
शहर में मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) की अनदेखी के चलते बिना अनुमति के ही कई उद्योग, होटल, अस्पताल, स्टोन क्रेशन प्लांट संचालित हो रहे हैं. इससे प्रदूषण बढ़ रहा है. विभाग की लापरवाही से कई संस्थान महीनों से एमपीपीसीबी के मानकों के उलट संचालित हो रहे हैं. शिकायतों के बाद विभाग जागा है. 148 उद्योग, अस्पताल, होटलों को नोटिस, एमपीपीसीबी की बिना अनुमति से चल रहे थे
3 दिनों में विभाग ने ऐसे 200 उद्योग, होटल, अस्पताल, स्टोन क्रेशन प्लांटों की जांच की, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आईं. निरीक्षण में 50 से अधिक उद्योग बंद पाए गए. अन्य सभी संस्थानों व प्लांटों के पास बोर्ड द्वारा जारी अनुमति पत्र भी नहीं मिले. प्रदूषण को लेकर लापरवाही सामने आई. इस पर विभाग ने ऐसे 148 संस्थानों को नोटिस जारी किए. इनको 15 दिनों का विभाग से अनुमति लेने के साथ ही तमाम कमियों व अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का समय दिया गया है. निरीक्षण सांवेर रोड, पोलो ग्राउंड इंडस्ट्री एरिया सहित अन्य क्षेत्रों में किया गया था. एमपीपीसीबी के अधिकारी संजय जैन ने बताया, 148 संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं. 15 दिन में अनियमितताओं में सुधार नहीं हुआ तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी.