धार : कमलनाथ ने किया कारम नदी पर क्षतिग्रस्त बांध का अवलोकन, प्रभावित परिवारों से की मुलाकात
कारम नदी पर क्षतिग्रस्त बांध का अवलोकन
धार, मध्यप्रदेश। आज मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ धार जिले पहुंचे है। यहां पहुंचकर कमलनाथ ने कारम नदी पर क्षतिग्रस्त हुए बांध का अवलोकन किया। इसके बाद जिले की धरमपुरी तहसील के दूधी गांव में प्रभावित ग्रामीणजनो से मुलाकात की और हालातों की वास्तविकता जानी।
कमलनाथ जी प्रभावितों से मिले :
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा- प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी बांध फूटने के बाद प्रभावित हुए परिवारों से मिल रहे हैं "जन-जन के साथ - कमलनाथ"
कमलनाथ को प्रभावित किसानो ने बताया-
इस दौरान कमलनाथ को प्रभावित किसानो ने बताया कि उनकी फसल बह गयी, घर बह गया, मिट्टी बह गयी। बड़े-बड़े पत्थर बहकर खेतों में आ गये है, अब खेती भी नहीं कर सकते है। अभी भी घर छोड़कर पहाड़ों में, जंगलो में रह रहे है। कोई हाल जानने अभी तक नहीं आया, कोई सर्वे नहीं, कोई मुआवज़ा नहीं।
इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा:
वही कारम बांध मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है, मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा- मध्यप्रदेश में सुनियोजित भ्रष्टाचार : धार के टूटे कारम डैम का कॉन्ट्रैक्ट किसी और को मिला, काम बीजेपी की करीबी कंपनी ने किया; लागत 3 गुना बढ़ी। शिकायत पर सुनवाई नहीं हुई, 304 करोड़ के काम में 93 करोड़ की रिश्वत बटी। "वाह ! शिवराज"
बांध में हुए भ्रष्टाचार को लेकर नरेंद्र सलूजा ने सरकार पर साधा था निशाना
वही निर्माणाधीन बांध में हुए भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा था, सलूजा ने ट्वीट करते हुए लिखा था- 304 करोड़ पर पानी में बह गए लेकिन भाजपा जश्न मना रही है. कोई भी यह बताने को तैयार नहीं है कि आखिर कार्य स्थिति कैसे बनी, घटिया निर्माण कैसे होने दिया गया और भ्रष्टाचार की राशि कौन डकार गया, भारद्वाज किस मंत्री का खास है, मामा के किस करीबी को मोटी रकम दी गई है।
बता दें, प्रदेश के धार जिले के कारम नदी में बने बांध का एक हिस्सा टूटने के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ था। बांध के लीकेज होने की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने गांवों को खाली करवा दिया था वही जब से प्रशासनिक टीमें डैम को बचाने की तोड़ कोशिश में जुट हुई थी, आखिरकार बांध के कारण उत्पन्न हुआ अप्रत्याशित संकट टल गया है।