मंदिरों में भक्तों का रेला, बम-बम भोले से गूंजे शिवालय

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Update: 2022-07-18 12:29 GMT
मंदिरों में भक्तों का रेला, बम-बम भोले से गूंजे शिवालय
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दतिया। सावन के पहले सोमवार को शहर भर के शिवालयों में भोले के भक्तों की भीड़ जुट रही है। सुबह से ही भगवान शिव पर जलाभिषेक करने के लिए भक्तों की लंबी लाइन लग चुकी थी। शहर के प्रसिद्ध शिव मंदिर रिसाला मंदिर से लेकर, हजारेश्वर महादेव, पकोड़या महादेव, बड़ोनी में स्थित गुप्तेश्वर महादेव सहित शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्त जुटना शुरू हो गए थे।

सावन के पहले सोमवार पर शहर के शिवालय हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज उठे। श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का रूद्राभिषेक कर पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की। पीतांबरा पीठ में बिराजे वन खंडेश्वर महादेव मंदिर में सबसे अधिक भीड़ नजर आई, जहां काफी संख्या में श्रद्धालु सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।
सावन में शिव पूजा का महत्व
सभी की मनोकामना पूर्ण करने वाले भगवान शिव की पूजा करने का सावन महीने में विशेष महत्व माना गया है। इस महीने को पवित्र महीना माना जाता है। इसका हर दिन भगवान शिव की पूजा के लिए पवित्र होता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार शिव भगवान को यदि प्रसन्न करना है तो सावन माह में पूरे विधि-विधान के साथ उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि सावन मास भगवान शिव का सबसे पसंदीदा महीना है।
इस दौरान यदि कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ भोलेनाथ की आराधना करता है तो उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। पौराणिक मान्यता है कि राजा दक्ष के यज्ञ में आत्मदाह करने के बाद माता सती का दूसरा जन्म माता पार्वती के रूप में हुआ था। माता पार्वती ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इसलिए उन्हें यह माह प्रिय है। ब्रह्मा के पुत्र सनत कुमारों ने शिवजी से एक बार पूछा था कि आपको सावन मास क्यों प्रिय है, तब शिवजी ने उपरोक्त बात सनत कुमारों को बताई थी।

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