डेंगू सिर्फ निजी अस्पतालों तक सीमित, जेपी अस्पताल में 5 दिन से नहीं पहुंचा एक भी डेंगू मरीज
भोपाल: इस समय डेंगू के मरीज सिर्फ निजी अस्पतालों में ही भर्ती हैं. सरकारी अस्पतालों के वार्ड खाली पड़े हैं. जेपी में ही पिछले पांच दिन से डेंगू का कोई मरीज नहीं पहुंचा. जबकि निजी अस्पतालों में रोजाना तीन से चार मरीज भर्ती हो रहे हैं. अलग-अलग निजी अस्पतालों में अभी 37 मरीज भर्ती हैं.
पिछले 10 दिनों में शहर में तीन और बीते एक महीने में डेंगू से 5 मौतें हो चुकी हैं. इसके बाद भी सरकारी रिकॉर्ड में मौत का आंकड़ा शून्य है. खास बात यह है कि सभी मौतें निजी अस्पताल में हुईं और किसी का भी एलाइजा टेस्ट नहीं हुआ था. स्वास्थ्य विभाग इन मौतों का कारण डेंगू को नहीं मान रहा है. अब तक निजी अस्पतालों पर इसको लेकर कोई कार्रवाई तक नहीं की गई है. ऐसे में डेंगू को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
दरअसल, सरकारी अस्पतालों में पिछले कुछ समय से डेंगू के मरीज नहीं आ रहे हैं. वहीं बैरागढ़ के दो सगे भाइयों के बाद कोलार में एक बच्चे ने डेंगू से दम तोड़ दिया. इस पर मलेरिया अधिकारी अखिलेश दुबे ने बताया कि जेपी अस्पताल की एक टीम इन मौतों की जांच कर रही है. साथ ही सरकारी आंकड़ों के अनुसार डेंगू के एक-दो केस ही सामने आ रहे हैं.
● पूरी बांह की शर्ट-पैंट पहनें
● आसपास में जलभराव और गंदगी न होनें दें
● घरों के गमले और कूलर में पानी न जमा होने दें
● इस्तेमाल न होने पर पानी की टंकी में भी मच्छर पनप सकते हैं
● बुखार को हल्के में न लें
चेहरा देखकर बता रहे डेंगू: वहीं शहर के कुछ निजी, खासकर गोविंदपुरा के अस्पतालों की स्थिति ये है कि वे चेहरा देखकर ही मरीज को डेंगू है या नहीं बता देते हैं और भर्ती कर लेते हैं. यहां कई मरीज ऐसे हैं जिन्हें बिना टेस्ट के भर्ती किया गया है.
एलाइजा टेस्ट रिपोर्ट को ही डेंगू पॉजिटिव माना जाता है. निजी अस्पतालों को चाहिए कि कार्ड पॉजिटिव आने के बाद वे सैंपल का एलाइजा टेस्ट भी कराएं. साथ ही स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी दें.
डॉ प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ या अधिकारी