Damoh दमोह: जिले के पटेरा ब्लॉक के छोटी देवरी निवासी एक महिला की घर में डिलीवरी कराते समय मंगलवार को हालत बिगड़ गई। अत्यधिक ब्लीडिंग होने के कारण परिजन उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल ला रहे थे, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। महिला की मौत की सूचना मिलने पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) डॉ. रीता चटर्जी जांच के लिए गांव पहुंचीं।
बता दें कि सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं के अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में लोग दाई से प्रसव कराते हैं, जिससे कभी-कभी महिलाओं की जान चली जाती है। यही छोटी देवरी निवासी सीमा आदिवासी के साथ भी हुआ।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने परिजनों से बात की तो पता चला कि महिला की डिलीवरी घर में कराई जा रही थी, जबकि उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल ले जाना चाहिए था। महिला का नाम सीमा (22) पति प्रमोद आदिवासी बताया गया है।
दोपहर में महिला का शव जिला अस्पताल लाया गया और पोस्टमार्टम कराया गया। वहीं, उसके बच्चे को एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया। बच्चा स्वस्थ होने के कारण शाम को परिजनों को सौंप दिया गया।
डॉ. चटर्जी ने बताया कि सूचना मिलने पर वे मामले की जांच के लिए गांव गईं। वहां पर पता चला कि महिला की डिलीवरी घर में कराई जा रही थी। परिजनों को दाई से डिलीवरी न कराकर उसे जिला अस्पताल लेकर जाना चाहिए था। डिलीवरी के बाद महिला के पेट से अत्यधिक खून बहा। गर्भनाल से निरंतर खून बहने की वजह से महिला की हालत बिगड़ गई। परिजन उसे जिला अस्पताल ला रहे थे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। महिला का पोस्टमार्टम भी कराया गया है, ताकि मौत के अन्य कारणों का पता चल सके।