Damoh दमोह: जिले में मावठे की बारिश से कुछ फसलों को नुकसान हो सकता है। गेहूं की ग्रोथ बढ़ेगी, लेकिन चना और मसूर को नुकसान होने के साथ सब्जियों में कीट लगने की संभावना है। रविवार को इस सीजन में दूसरी बार मावठे की बारिश हुई थी। इससे एक बार फिर ठंड बढ़ गई है और अब शीतलहर का दौर चल रहा है। मौसम विभाग ने एक बार फिर हल्की-हल्की बारिश की संभावना जताई है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार बारिश से गेहूं की फसल में ग्रोथ होगी, जबकि चना, मसूर और मटर को नुकसान पहुंच सकता है। चना और मसूर में फंगस रोग के बढ़ने की संभावना है, जिससे फलियां कम बनने और पैदावार पर असर पड़ता है। सरसों और मसूर में माहू का प्रकोप हो सकता है। वहीं, सब्जियों की फसल को भी नुकसान की आशंका है। बारिश के बाद मौसम साफ होने पर इसका असर फसलों पर दिखेगा, जिससे किसान चिंतित हैं।
चना, मसूर का फूल गिरने का खतरा बढ़ा
जिन किसानों ने चना, मसूर और मटर की सिंचाई कर दी है और फसलों में फूल आ गए हैं, वहां सबसे ज्यादा खतरा है। बारिश के कारण फूल झड़ने लगते हैं और फंगस (उगठा) रोग तेजी से पनपता है। इसके अलावा इल्ली भी लग जाती है। सरसों में माहू रोग भी तेजी से बढ़ सकता है।
फूलगोभी, पत्ता गोभी में माहू और इल्ली का प्रकोप
ऐसे मौसम में सब्जियों को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है। फूलगोभी और पत्ता गोभी में माहू और इल्ली का प्रकोप तेजी से बढ़ेगा। आलू, टमाटर, बैगन और अन्य सब्जियों में भी कीट व्याधि लगने का खतरा बढ़ गया है। आलू में फंगस रोग लग सकता है।
दवा का छिड़काव करें
कृषि वैज्ञानिक डॉ. मनोज अहिरवार ने बताया कि चना, मसूर और मटर में फूल झड़ने की संभावना को देखते हुए एनएए (प्लेनोफिक्स) या अन्य फूलवर्धक दवा का छिड़काव करें। माहू और अन्य रसचूसक कीटों से बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड का उपयोग करें। यदि खेतों में पानी भर गया है तो उसकी निकासी की व्यवस्था करें। बारिश के बाद गेहूं में दानेदार यूरिया या नैनो तरल यूरिया का स्प्रे करें।
गेहूं के लिए अनुकूल मौसम
कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेश खबसे ने बताया कि दिसंबर और जनवरी का मौसम गेहूं की ग्रोथ के लिए अनुकूल होता है। इन महीनों में ठंड ज्यादा रहती है, और 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान होने पर गेहूं की ग्रोथ अच्छी होती है। अभी भी दिन-रात का तापमान 10 डिग्री के आसपास है, जो गेहूं की अच्छी ग्रोथ के लिए अनुकूल है।