Damoh: जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले गिरोह को पुलिस ने किया गिरफ्तार
Damoh दमोह: कोतवाली पुलिस ने फर्जी रजिस्ट्री करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाशकर पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीएसपी अभिषेक तिवारी ने बताया कि समन्ना गांव के एक आवेदक शोभाराम पटेल ने शिकायती आवेदन देकर बताया था कि उसने कादीपुर गांव में जमीन खरीदी थी। उसकी रजिस्ट्री कराई गई, लेकिन जब वह जमीन का नामांतरण कराने पहुंचे तो पता चला कि वह जमीन किसी और की है, जिसकी आरोपियों ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्री करई गई है।
मामला सामने आने के बाद पुलिस की ओर से मामले में जांच शुरू की गई। इसमें साइबर सेल की मदद ली गई। मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया। इसके बाद पूरी गैंग का पर्दाफाश हुआ। पकड़े गए आरोपियों में जबलपुर के थाना माढ़ोताल निवासी हरगोविंद पिता रामेश्वर पटेल 63, गाम समन्ना निवासी गिरधारी पिता भगवानदास पटेल 44, ग्राम चंदौरा हाल श्रीवास्तव कॉलोनी दमोह निवासी राजेश पिता घनश्याम पटेल 47, गेंदाबाई पति बेडीलाल बंसल 55 निवासी ग्राम बाकल जिला कटनी एवं जानकी पति रामदास गौर 30 निवासी माला ग्राम नोहटा को गिरफ्तार किया है। इस मामले में दो अन्य आरोपी जिन्होंने फर्जी रजिस्ट्री के दौरान रजिस्ट्री कार्यालय में गवाही दी थी, वह फरार है।
महिला मालिक बनकर बेचती थी जमीन
पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान यह गैंग शहर में ऐसे मकान और जमीन की तलाश करती थी, जिसका मालिक या तो बाहर रहता है या जमीन की देखभाल नहीं कर रहे हैं। इसके बाद गैंग में शामिल लोग फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते थे। इसके बाद महिला जानकी गौर को जमीन का मालिक बताकर जमीन का सौदा किया जाता था। इसके बाद रजिस्ट्री कार्यालय में फर्जी दस्तावेज लाकर रजिस्ट्री कर ली जाती थी। महत्वपूर्ण बात तो यह है कि शासन द्वारा रजिस्ट्री कार्यालय में संपदा जैसे नए साफ्टवेयर से रजिस्ट्री कराई जा रही है, इसके बावजूद भी रजिस्ट्री आसानी से हो जाती है। ऐसे में अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद नजर आ रही है।
शहर के आसपास चल रहा जमीनों का फर्जीवाड़ा
शहर सहित आसपास के क्षेत्र में लंबे समय से जमीनों का फर्जीवाड़ा चल रहा है। शहर से सटे ग्राम चौपराखुर्द, लाइनबाग, हिदेपुर, समन्ना, इमलाई क्षेत्र में पूर्व में ऐसे अनेक मामले भी सामने आ चुके हैं। जिसमें सरकारी जमीनों को पटवारियों की मिलीभगत के चलते लोगों ने प्लॉट बनाकर बेंच दिए हैं। वहीं दर्जनों मकानों की रजिस्ट्री होने के बाद विवाद चल रहा है। जिससे लोग अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं।