Damoh: जल जीवन मिशन अधूरा, 111 गांव तक नहीं पहुंच पाया पानी

Update: 2024-10-09 10:25 GMT
Damoh दमोह:  जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत सतधरू मध्यम सिंचाई परियोजना से 670 गांव में पेयजल पहुंचाने की योजना पिछले 7 साल बाद भी पूर्ण नहीं हो पाई है। वर्ष 2017 में शुरू हुई इस योजना को वर्ष 2021 तक पूर्ण करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन चार बार समय-सीमा बढ़ाने के बाद 111 गांव में अभी तक जल सप्लाई शुरू नहीं हो पाई हैं। इन गांव में पानी पहुंचाने के लिए अभी तक टंकियों का निर्माण भी
पूर्ण नहीं हो पाया है।
इधर जल निगम के अधिकारियों द्वारा जिन 559 गांव में पानी पहुंचाने का दावा किया जा रहा है, उन गांव में भी नियमित रूप से पेयजल नहीं पहुंच पा रहा है। हालात यह हैं कि सप्ताह में एक या दो दिन पेयजल सप्लाई हो रही है। दो माह पहले तक जल निगम के अधिकारियों का एक ही बहाना रहता था कि बांध में पर्याप्त पानी नहीं हैं और न ही पर्याप्त बिजली पहुंच रही है, लेकिन यह समस्या दो माह पहले ही खत्म हो चुकी है। इस बार हुई भारी बारिश के चलते सतधरू बांध लबालब भर गया है और अभी भी इसके गेट खुले हुए हैं। वहीं दूसरी ओर बिजली कंपनी द्वारा डेम के पास बनाए गए फिल्टर प्लांट पर इमरजेंसी बिजली सप्लाई लाइन डाली गई है, जिससे यहां पर बिजली निर्बाध रूप से चालू रहती है।
इसके बावजूद भी जल निगम के अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से पानी नहीं पहुंचाया जा रहा है। गौरतलब है कि सतधरू डेम से दमोह-पटेरा एवं जबेरा तेंदूखेड़ा ब्लॉक के गांव में पेयजल सप्लाई करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 600 करोड़ की पेयजल योजना स्वीकृत की थी, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते यह योजना अभी तक मूर्त रूप नहीं ले पाई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जल निगम के महाप्रबंधक उमेश नामदेव को कई बार फोन लगाया, लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव ही नहीं किया जाता। जब ऑफिस जाते हैं तो वह मिलने से इंकार कर देते हैं और अन्य कर्मचारियों के पास भेज देते हैं। जिससे समस्या जस की तस बनी हुई है।
सप्ताह में एक दिन हो रही पेयजल सप्लाई
जल निगम द्वारा इस योजना के तहत जिन गांव में पानी सप्लाई शुरू की है, वहां पर नियमित रूप से जलापूर्ति नहीं हो रही है। शहर से से सटे ग्राम ग्राम चौपराखुर्द की आबादी 15 हजार है। यहां पर 10 लाख लीटर की पानी की टंकी परशुराम टेकरी पर बनाई गई है। इसी तरह दूसरी टंकी बरपटी पहाड़ी पर बनी हुई है, लेकिन यह टंकी पूरी नहीं भरी जा रही है। पेयजल सप्लाई करने वाले कर्मचारियों का कहना कि टंकियां पूरी नहीं भर पा रहीं हैं। कभी आधी टंकी भरती है और सप्लाई बंद हो जाती है।
जिसकी वजह से इस क्षेत्र में दो से तीन गलियों में पानी दिया जा रहा है। जबकि यह क्षेत्र काफी बड़ा है। इधर वंसुधरा कॉलोनी, इंद्रमोहन नगर, सुरेका कॉलोनी और हिरदेपुर में पानी की सप्लाई नहीं हो रही है। स्थानीय निवासी आनंद तिवारी, कीरत सिंह ठाकुर, मुकुट बिहारी खरे, दीपक जैन का कहना है कि अधिकारियों द्वारा जानबूझकर सप्लाई प्रभावित की जा रही है। पूर्व में जो अधिकारी पदस्थ थे, तब तक काम रही चलता रहा, लेकिन पिछले छह माह से सप्ताह में केवल एक बार ही पानी दिया जा रहा है। जिससे हम लोगों को आसपास के कुओं व हैंडपंपों का सहारा लेना पड़ रहा है।
अधिकारी बोले- मेन लाइन में अवैध कनेक्शन
जल सप्लाई का काम देखने वाले अधिकारी आरके कोष्ठी व अतुल तिवारी का कहना है कि ग्रामीण अंचलों में लोगों द्वारा मेन लाइन से अवैध कनेक्शन कर लिए गए हैं। अकेले चौपराखुर्द, रैयतवारी में 170 अवैध कनेक्शन किए गए हैं। तीन माह पहले कनेक्शन हटाए गए थे, लेकिन फिर हो गए हैं। हम लोग अकेले कनेक्शन नहीं काट सकते। इसके लिए प्रशासन का सहयोग जरूरी है। इसकी जानकारी कलेक्टर को भी दी गई है।
अक्टूबर तक कंपलीट होगी 670 गांव की योजना
जल निगम के डीजीएम गौरव सराफ का कहना है कि सतधरू परियोजना के तहत 670 गांव में पेयजल सप्लाई की योजना अंतिम दौर में चल रही है। करीब 111 गांव शेष बचे हैं, जहां टेस्टिंग चल रही है। कुछ टंकियों का काम बाकी है। जो अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक पूर्ण हो जाएगा। चौपराखुर्द सहित अन्य गांव में जल सप्लाई टंकियां क्यों नहीं भर पा रहीं हैं इसे दिखवाता हूं।
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