इस साइबर फ्रॉड में आपत्तिजनक वीडियो भेजी गई लिंक से चलने लगता है, जैसे ही लड़का उसे देखता है फोन करने वाला उसका स्क्रीनशॉट ले लेता है या फिर उसे रिकॉर्ड कर लिया जाता है। वीडियो काल या उस स्क्रीनशॉट के जरिए संबंधित लड़के को धमकाया जाता है। इन मामलों में लड़कियों के मैसेज व वीडियो कॉल युवाओं को धोखा दे रहे हैं। साइबर आरोपियों ने साइबर क्राइम का नया तरीका ढूंढ निकाला है। जिसमें वीडियो कॉल के जरिए लोगों को जाल में फंसाकर उनके साथ धोखाधड़ी को अंजाम दिया जा रहा है। उज्जैन में हर माह 7 से 8 शिकायतें साइबर क्राइम की साइबर सेल के पास पहुंच रही हैं। लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो शिकायत नहीं कर रहे हैं। लोगों को इंटरनेट मीडिया के जरिए फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी जाती है। जिसमें धोखा देने वाला लड़का लड़की बनकर मैसेज या फिर एक लिंक भेजता है। लड़की का मैसेज देखकर लड़के उसे एक्सेप्ट करते हैं या भेजी गई लिंक खोलते हैं। जिसके बाद वीडियो काल आता है, जिसमे जैसे ही लड़का काल उठाता है।
1 लाख तक की मांग की जाती है
आपत्तिजनक वीडियो भेजी गई लिंक से चलने लगता है, जैसे लड़का उसे देखता है आरोपी द्वारा उसका स्क्रीन शॉट ले लिया जाता है या फिर उसे रिकॉर्ड कर लिया जाता है। वीडियो काल या उस स्क्रीन शॉट के जरिए संबंधित लड़के को धमकाया जाता है और 50 हजार से लेकर 1 लाख तक की मांग की जाती है। कहा जाता है कि तुम्हारी वीडियो इंटरनेट पर बहुप्रसारित कर देंगे। धोखाधड़ी का यह खेल ज्यादातर गुरुवार की रात को होता है।
पुलिस को दें सूचना
इसलिए वे इस बीच काम करते है जिससे 24 घंटे में पैसा उनके खाते में चला जाए, क्योंकि इस प्रकार के ट्रांजेक्शन में 24 घंटे में राशि को रोकने की लिमिट होती है। शनिवार व रविवार को बैंक बंद होने से उनका पैसा विड्रॉल हो जाता है। इस साइबर फ्रॉड के मामले में उज्जैन साइबर प्रभारी प्रतीक यादव ने बताया कि उज्जैन में भी हर माह इस तरह की 5 से 7 शिकायतें आती है। लगातार साइबर अपराध पर नियंत्रण किया जा रहा है। कई लोग इन मामलों में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते हैं। साइबर प्रभारी ने कहा कि इस तरह का फ्रॉड अगर हो तो तत्काल इस संबंध में पुलिस को सूचना अवश्य दें।