भोपाल: बिशनखेड़ी स्थित मप्र शूटिंग अकादमी में नेशनल पिस्टल चैंपियनशिप आयोजित की जा रही है. यहां हर दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के 900 से अधिक खिलाड़ी निशाना साध रहे हैं. 10 दिसंबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में करीब 5000 से अधिक खिलाड़ी आएंगे. इस दौरान एक दिन में एक लाख से अधिक कारतूसों की खपत हो रही है. जिससे यहां देश की पहली बुलट क्रशर मशीन की मदद से कारतूसों के खोके नष्ट करने की भी सुविधा है. यानी इन खोकों का गलत इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. शूटिंग प्रतियोगिता में प्रयोग की गई बुलेट तत्काल नष्ट कर दी जा रही है. यह मशीन कारतूस के खोखे को नष्ट कर देती है. इससे इसका दोबारा इस्तेमाल नहीं हो सकेगा.
खोखे का नहीं हो सकेगा दुरुपयोग: अकादमी के शूटिंग कोच जयवर्धन सिंह के अनुसार कारतूस के खोखे का दुरुपयोग रोकने के लिए यह मशीन लगाई गई है. जो चैंपियनशिप के दौरान उपयोग की जा रही है. अकादमी में निशानेबाजों के अभ्यास के बाद कारतूस बेकार हो जाते हैं. दोबारा इस्तेमाल में इसकी गोलियां खतरनाक और घातक साबित होती हैं. इसीलिए यह डिस्पोजल मशीन काफी कारगर है.