भोपाल न्यूज: कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता गोविंद सिंह ने शनिवार को कहा कि उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से नोटिस मिला है। कांग्रेस नेता को 27 जनवरी को नई दिल्ली में ईडी के मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था। हालांकि, सिंह ने उपस्थित होने के बजाय नोटिस का कारण मांगा है। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि ईडी ने उन्हें नोटिस जारी किया है, लेकिन केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाने का कोई कारण नहीं बताया है। सिंह ने कहा कि अधिवक्ता और पार्टी सहयोगी विवेक तन्खा से परामर्श के बाद उन्होंने ईडी से स्पष्ट करने को कहा है कि उन्हें नोटिस क्यों जारी किया गया है? सिंह ने यह भी कहा कि अगर ईडी उनके सवाल का जवाब देने में विफल रही, तो वह इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष उठाएंगे।
सिंह ने कहा कि उन्हें 24 जनवरी को ईडी का नोटिस मिला था, जिसके अनुसार उन्हें 27 जनवरी को नई दिल्ली में एजेंसी के मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया था। मैं दिल्ली गया था, लेकिन जब मैंने दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं विवेक तन्खा और कपिल सिब्बल से सलाह ली, तो वे नोटिस देखकर बहुत चकित हुए। उस नोटिस में मुझे पूछताछ के लिए उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन इसमें कोई कारण नहीं बताया गया था। अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से मैंने ईडी से स्पष्ट करने के लिए कहा है कि मुझे क्यों बुलाया गया था। मैंने उन्हें चार सप्ताह का समय दिया है, अगर वह जवाब देने में विफल रहते हैं, तो मैं सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगा।
इस बीच विधायक सिंह ने सत्तारूढ़ भाजपा पर गैर-भाजपा नेताओं को परेशान करने और उनकी छवि खराब करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। सिंह ने कहा कि मैंने अपने चुनावी हलफनामों में हमेशा अपनी संपत्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। यह पहली बार है जब मुझे इस तरह का नोटिस और बिना किसी कारण के जारी किया गया है। मेरे खिलाफ यह नोटिस सत्तारूढ़ भाजपा के इशारे पर जारी किया गया था, क्योंकि वे मध्य प्रदेश में चुनाव आने पर कांग्रेस नेताओं के बीच तनाव की स्थिति पैदा करना चाहते हैं। प्रवर्तन निदेशालय के सहायक निदेशक दीपक कुमार सी द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम- 2002 के तहत केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था।