सरकारी अस्पताल का हाल, सेठी अस्पताल में जरूरत पड़ने पर बच्चों के डॉक्टर नहीं मिलते
मध्यप्रदेश | स्वास्थ्य विभाग के पास यूं तो एक दर्जन से ज्यादा शिशु रोग विशेषज्ञ हैं, लेकिन बच्चों को भर्ती करने की जरूरत पड़ जाए तो एमवायएच ही जाना पड़ता है। यहां पीआईसीयू है, लेकिन बंद था। कलेक्टर की फटकार बाद पीडियाट्रिक आईसीयू शुरू किया गया, लेकिन वहां इक्का-दुक्का बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। पीसी सेठी अस्पताल के डॉक्टर्स की पीआईवी ड्यूटी नहीं लगाने के निर्देश के बावजूद ड्यूटी लगाई जा रही है।
वहीं जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ सिर्फ ओपीडी देख रहे हैं। दुग्ध संघ की जर्जर इमारत के बहाने सरकार के कई प्रोजेक्ट मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों को मिल गए। नया अस्पताल बनाने के चलते यह पांच साल से बंद है।
ओपीडी के नाम पर यहां शिशु रोग विशेषज्ञ पदस्थ हैं। सेठी अस्पताल में नवजातों के लिए एसएनसीयू के साथ पीआईसीयू भी बनाया गया, लेकिन वह बंद था। कुछ समय पहले यहां बच्चों को भर्ती करना शुरू किया गया है। मौका-मुआयना बाद कलेक्टर नाराज हुए तो इसे शुरू करवाया। चार महीने में सिर्फ 19 बच्चे यहां भर्ती किए गए। इनमें भी 2 बच्चे लामा हो गए।