आयोग ने बीमा के दिलवाए 50 हजार, मानसिक क्षतिपूर्ति भी मिलेगी

Update: 2023-04-25 14:45 GMT

भोपाल न्यूज़: नेहरू नगर के रहने वाले प्रवीण कुमार ने मारूति कार का बीमा करवाने के लिए बीमा कंपनी को चैक जमा किया और निश्चिंत हो गए कि वाहन बीमा हो गया है. लेकिन जब कार की दुर्घटना होने के बाद बीमा क्लेम किया तो पता चला कि हस्ताक्षर मिलान न होने के कारण चैक केंसल कर दिया था और बीमा भी निरस्त हो गया था.

और इस बात की जानकारी उपभोक्ता को नहीं दी गई. उपभोक्ता ने इसकी शिकायत उपभोक्ता आयोग में कर बैंक और बीमा कंपनी पर राशि और परिवादव्यय देने का मामला दर्ज कराया. इस पर बैंक ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हस्ताक्षर गलत होने के कारण उसने तुरंत चैक लौटा दिया था. लेकिन आयोग ने इसे गलती बताते हुए बीमा कंपनी और बैंक दोनों को उपभोक्ता को परिवादव्यय, असल राशि और मानसिक कष्ट हेतु राशि चुकाने का आदेश दिया. भोपाल उपभोक्ता आयोग की बेंच 1 में अध्यक्ष योगेश दत्त शुक्ल, सदस्य और प्रतिभा पाण्डेय ने मामले की सुनवाई की. परिवादी को बीमा पॉलिसी की 50 हजार राशि, मानसिक कष्ट के लिए 2500-2500 और परिवादव्यय के लिए 1500-1500 रूपए का मुआवजा दिलाया.

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