कलेक्टर ने चिन्हांकित सभी नागरिकों का बीसीजी टीकाकरण सुनिश्चित कराने के दिए निर्देश

Update: 2024-03-06 12:28 GMT
रायसेन। प्रदेश के 26 जिलों में बीसीजी वैक्सीन का वयस्क डोज लगाया जाना है। इनमें रायसेन जिले को भी शामिल किया गया है। जिले में 7 मार्च से शुरू हो रहे वयस्क बीसीजी टीकाकरण अभियान अंतर्गत अर्न्तविभागीय समन्वय/टास्क फोर्स की बैठक कलेक्टर अरविंद दुबे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित हुई। बैठक में कलेक्टर दुबे ने अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए की गई तैयारियों की विस्तृत समीक्षा करते हुए सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ सोमन दास। सहित अन्य अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में घर-घर सर्वे के उपरांत चिन्हांकित किए गए सभी नागरिकों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए।
कलेक्टर ने कहा कि दुनियाभर में संक्रमण रोगों से होने वाली मौतों में टीबी सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। इस रोग से बचाव के लिए प्रभावी उपायों में से टीका एक ऐसा उपाय है जिससे टीबी के नए मामलों और मृत्युदर को रोका जा सकता है। वयस्क नागरिकों को टीबी से बचाने के लिए शासन द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके सफल क्रियान्वयन हेतु सभी समन्वित रूप से कार्य करें। अधिकारियों तथा मैदानी अमले को जो दायित्व सौंपे गए हैं।उनका पूरी लगननिष्ठा से पालन कर अभियान को सफल बनाएं।
बैठक में सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री ने बताया कि वयस्क बीसीजी टीकाकरण अभियान के तहत बीसीजी का टीका 18 वर्ष से अधिक आयु के 6 श्रेणियों के व्यक्तियों को लगाया जाएगा। इसमें जिन व्यक्तियों को पूर्व में टीबी हुई हो, टीबी मरीजों के सम्पर्क में रहने वाले व्यक्तियों, 60 वर्ष और उससे अधिक के बुजुर्ग, कुपोषित वयस्क, धूम्रपान करने वाले व्यक्ति तथा मधुमेह के मरीजों को उनकी सहमति उपरांत बीसीजी टीका लगाया जाएगा। बीसीजी टीकाकरण प्रति सोमवार तथा गुरूवार को किया जाएगा। जिले में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर सर्वे कर पात्र वयस्कों की जानकारी एकत्रित की गई है। जिले में अभी तक एक लाख 50 हजार से अधिक व्यक्तियों को चिन्हांकित किया गया है, जिन्हें यह टीका लगाया जाएगा।
डीटीओ डॉ यशपाल बाल्यान तथा डॉ सोमनदास ने बताया कि भारत में जन्म के समय या जीवन के पहले वर्ष के भीतर बच्चों को बीसीजी दी जाती है, यह टीका बच्चों को टीबी के गंभीर रूपों से बचाता है। देश के पीएम नरेंद्र मोदी भी भारत को टीबी मुक्त बनाने का संकल्प ले चुका हैं।हाल के प्रमाणों से यह पता चला है कि वयस्कों में बीसीजी टीके की अतिरिक्त डोज उनकी प्रतिरोधक क्षमता को और बढ़ा सकती है ।उन्हें अगले 10 से 15 वर्षो तक टीबी की बीमारी से बचा सकती है। बीसीजी टीका का उपयोग वर्ष 1921 से किया जा रहा है और यह सबसे सुरक्षित टीकों में से एक है। यह नियमित रूप से जन्म के समय या जीवन के पहले वर्ष के दौरान दिया जाता है। बैठक में महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपक संकत, चिकित्सा अधिकारी, बीएमओ, सीडीपीओ सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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