सीएम शिवराज ने किया खंडवा से जननायक टंट्या भील गौरव यात्रा की शुरुआत
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को जननायक टंट्या भील की जन्म स्थली खंडवा जिले के बड़ोदा अहीर से क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा की शुरुआत की।
खंडवा: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को जननायक टंट्या भील की जन्म स्थली खंडवा जिले के बड़ोदा अहीर से क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा की शुरुआत की। मुख्यमंत्री शुक्रवार दोपहर पंधाना विकासखंड के ग्राम बड़ोदा अहीर में स्थित ट्ंट्या भील के स्मारक पहुंच कर उनकी आदमकद प्रतिमा की पूजा-अर्चना की। स्मारक परिसर में एकत्र की गई माटी को कलश में भरकर टंट्या मामा की प्रतिमा के समक्ष रखा गया। इसके बाद उन्होंने क्रांतिसूर्य जननायक टंट्या भील गौरव यात्रा का शुभारंभ किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने टंट्या मामा के वंशजों का मंच से सम्मान किया और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
शिवराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जनजातीय नायकों का इतिहास कभी नहीं पढ़ाया गया। वे अंग्रेजों के खिलाफ लड़े, अन्याय के खिलाफ लड़े और सूदखोरों के खिलाफ लड़े, लेकिन इतिहास की किताबों में उन्हें कहीं जगह नहीं दी गई। टंट्या मामा ने भारत माता के लिए खुद को बलिदान कर दिया। सीएम ने कहा कि बीजेपी सरकार जनजातीय नायकों को उनका श्रेय दिलाएगी। टंट्या मामा की जीवनी को किताबों में शामिल किया जाएगा जिससे लोग उनके बारे में जन सकें। टंट्या मामा की बहादुरी को याद करते हुए शिवराज ने कहा कि इंग्लैंड तक में लोग उनके नाम से कांपते थे। टंट्या मामा अंग्रेजों को लूटते थे और लूट का पैसा मिलता गरीबों में बांट देते थे। अंग्रेजों ने टंट्या मामा को पकड़ने के लिए अलग टीम बनाई थी। एक गद्दार के कारण उन्हें पकड़ लिया गया और जबलपुर में फांसी दी गई।
सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर भी जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में आजादी की लड़ाई का गलत इतिहास पढ़ाया गया। कांग्रेस ने सिर्फ कुछ लोगों को आजादी का श्रेय दिया। बिरसा मुंडा, टंट्या मामा, रघुनाथ शाह और तात्या टोपे जैसे कई क्रांतिवीर छूट गए जिन्होंने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया था। कांग्रेस सरकार ने एक जनजातीय विश्वविद्यालय बनाया लेकिन उसका नाम भी इंदिरा गांधी के नाम पर रख दिया। अब जब बीजेपी सरकार उन्हें उनका श्रेय दिलाने की कोशिश कर रही है तो कांग्रेस इसका भी विरोध कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी सरकार अब टंट्या मामा का सही इतिहास पढाएगी और पातालपानी को एक नए तीर्थ के रूप में विकसित करेगी। पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या भील के नाम पर रखने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। इंदौर में बन रहे आईएसबीटी बस स्टैंड का नाम भी टंट्या भील के नाम पर रखे जाने की उन्होंने घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गौरव यात्रा में किसी भी नेता का स्वागत नहीं होगा। सिर्फ कलश पर फूल चढाया जाएगा और टंट्या मामा के वंशजों का ही स्वागत किया जाएगा। सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल के अंदर एक लाख नौकरियां निकाली जाएंगी और बैकलॉग में भर्तियों का अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने आजीविका मिशन में काम कर रही ग्रामीण महिलाओं के लिए सस्ता ऋण देने की बात भी कही।