छतरपुर : थ्रेसर में फंसने से नाबालिग की मौत

थ्रेसर में फंसने से ग्राम महाराजगंज के नाबालिग की मौत हो गई। अस्पताल परिसर में मशक्कत के बाद शव थ्रेसर से बाहर निकाला जा सका।

Update: 2022-03-26 15:38 GMT

थ्रेसर में फंसने से ग्राम महाराजगंज के नाबालिग की मौत हो गई। अस्पताल परिसर में मशक्कत के बाद शव थ्रेसर से बाहर निकाला जा सका। पुलिस ने ट्रैक्टर थ्रेसर को जब्त कर चालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।

जानकारी के अनुसार हादसा गुरुवार रात को हुआ था। मृतक की पहचान 16 वर्षीय सीताराम पिता खडिया कुशवाहा निवासी ग्राम महाराजगंज थाना बड़ामलहरा के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि बड़ामलहरा के ग्राम महाराजगंज में रहने वाले किसान रतिराम कुशवाहा ने सात सौ रुपये में फसल थ्रेसिंग का ठेका दिया था। अन्य मजदूरों के साथ सीताराम कुशवाहा भी मजदूरी कर रहा था। रतिराम के अनुसार सीताराम शाम साढ़े पांच बजे खन्ना में झाडू लगा रहा था उसी समय थ्रेसर पर चढा और उसमें गिर गया। थ्रेसर को बंद करने के पहले ही नाबालिग का शरीर बुरी तरह थ्रेसर के कटर में फंस गया और मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार थ्रेसर बबलू तिवारी का बताया जा रहा है। खबर लगते ही पुलिस ने घटनास्थल का पंचनामा बनाने के बाद देर शाम शव को पोस्टमार्टम के लिए बड़ामलहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। घटना के दूसरे दिन पोस्टमार्टम हाउस के पास ही मिस्त्रियों को बुलाकर थ्रेसर खुलवाया गया तब कहीं जाकर शव का पोस्टमार्टम किया जा सका। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस ने मर्ग कायम कर उक्त थ्रेसर को जब्त कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ामलहरा लाए हैं। मामले में पुलिस ने ट्रैक्टर थ्रेसर को जब्त कर चालक के खिलाफ धारा 304 ए का प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले को जांच में ले लिया है।
महिला भी फंसी थ्रेसर में, बाल-बाल बची
इधर उत्तरप्रदेश के महोबा जिले के खरेला की 50 वर्षीय मदीना बेगम (पति- मेहबूब) छतरपुर जिला अस्पताल में भर्ती है। जहां उन्होंने बताया कि वे अपने खेत पर फसल की थ्रेसरिंग करवा रही थीं इसी बीच उनका दुपट्टा और बाल थ्रेसर में फंस गए और वह थ्रेसर के पट्टे में फंसकर अंदर की ओर जाने लगीं। इसी बीच वहां खड़े उनके बेटों ने उन्हें पकड़कर बाहर की ओर खींच लिया तो उनका दुपट्टा फटकर अंदर चला गया और उनके सिर के बाल टूट गए जिससे उनकी जान बच गई। मदीना कई मानें पल भर की देर होती तो वह सिर के बल थ्रेसर में फंसकर अंदर चली जाती तो उनकी जान चली जाती। हालांकि उनके सिर में गंभीर चोटें आई हैं जिससे उन्हें महोबा अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद रेफर किया गया तो वे छतरपुर जिला अस्पताल आए हैं जहां उनका इलाज चल रहा है।


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