भोपाल न्यूज़: सीसीटीवी के मामले में एक्सपर्ट ने बताया कि उनका उपयोग बढ़ गया है. अब ऐसे कैमरों की डिमांड ज्यादा है जो रात में भी परफेक्ट विजन दे सके. शहर की कई कॉलोनियों में बल्क में इन्हें लगाया गया है. सीसीटीवी इन्स्टॉल करने का काम कर रहे संजय कुमार ने बताया कि अधिकांश कवर्ड कैम्पस में सीसीटीवी लग चुके हैं. अब छोटी-छोटी दुकानों से लेकर आम घरों के बाहर भी इनका उपयोग किया जा रहा है. शहर की अंदरूनी कॉलोनियों से भी इनकी डिमांड है. इनका इस्तेमाल मुख्य सड़क के आसपास रहने वाले निगरानी के लिए भी कर रहे हैं. इसका एक उदाहरण हाल में सामने आया. एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी की मदद से वन्यप्राणी का मांस एक वाहन में रखे जाने का प्रकरण सामने आया था. फुटेज के आधार पर इसकी जांच हो रही है. साजिश का अंदेशा है.
मोबाइल पर मिलता है फीडबैक
बाग मुगलिया एक्सटेंशन कॉलोनी के अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने बताया कि बाग मुगलिया, बागसेवनिया कटारा हिल्स में तेजी से मल्टी स्टोरी और कवर्ड कैंपस का निर्माण हो रहा है. यहां अनेक कैंपस में कॉलोनी के अध्यक्ष एवं सोसायटी के लोगों ने मिलकर चंदा कर सीसीटीवी सर्विलेंस सिस्टम स्थापित किया है. लोगों के मोबाइल फोन पर एप्लीकेशन के माध्यम से आसानी से कैमरों का फीडबैक देखा जा सकता है.
100 लोगों की कॉलोनी में बेहद कम खर्च
सीसीटीवी कैमरा स्थापित करने वाली तकनीकी जानकारों की राय में जितने अधिक संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाते हैं उतना कम खर्च प्रति व्यक्ति आता है. उदाहरण के लिए किसी कॉलोनी में 100 परिवार रहते हैं और 20 सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरूरत है. इस कार्य में लगभग 50000 रुपए का खर्च आता है प्रति व्यक्ति खर्च 500 रुपए बैठता है.