सामने आ रहे हैं जर्जर मकानों के मामले, जल्द ही जर्जर मकानों पर होगी कार्रवाई

जर्जर मकानों पर होगी कार्रवाई

Update: 2022-07-27 07:57 GMT

ग्वालियर/ब्यूरो: बरसात के चलते नगर निगम ने जर्जर मकानों की सूची तैयार कर ली है। सूची के मुताबिक शहर में लगभग 200 मकान ऐसे हैं, जो जर्जर अवस्था में हैं। ऐसा अनुमान है की बरसात के मौसम में यह मकान कभी भी ढह सकते हैं, लेकिन नगर निगम के अफसर इस मामले में सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं। पिछले चार सालों से निगम के अफसर ऐसे मकानों के मालिकों को नोटिस जारी कर देते हैं और उसके बाद इन्हें फाइलों में बंद कर दिया जाता है। नगर निगम के सीमा क्षेत्र में मौजूद जर्जर लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। नगर निगम हर साल इन भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर भूल जाता है। कई मकानों की स्थिति ऐसी है कि वे कभी भी गिर सकते हैं।

बारिश शुरू होने के बाद से ही कई जर्जर मकानों में पानी रिसने लगा है। नगर निगम की जिम्मेदारी होती है कि ऐसे मकानों को खाली करवाकर यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जाए, लेकिन निगम अधिकारी इन जर्जर भवनों को गिराने की बजाय कार्रवाई के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं। दो वर्ष पूर्व नगर निगम द्वारा 110 जर्जर मकानों को चिह्नित कर सूची बनाई गई थी और 67 लोगों को नोटिस दिया गया था, जिसमें सबसे अधिक दक्षिण विधानसभा क्षेत्र व उसके बाद ग्वालियर और ग्वालियर पूर्व व ग्रामीण के हैं। नगर निगम ने बीते वर्ष सर्वे कराया था।
इसके बाद कुछ भवन स्वामियों को नोटिस भी दिए थे। इसमें यह बात सामने आई थी कि जर्जर मकानों में ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं, जो विवादग्रस्त भी हैं। इनमें मकान मालिक और किराएदार का विवाद है। पुराने मकान को मकान मालिक खाली कराना चाहते हैं, लेकिन किराएदार खाली करना नहीं चाहते हैं। वर्तमान में शहर में सराफा बाजार, पाटनकर चौराहा, फालका बाजार, छप्पर वाला पुल के पास, राम मंदिर, राक्सी पुल के पास बने मकान, किलागेट, दानाओली, माधौगंज व मुरार में कई मकान जर्जर अवस्था में हैं।


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