वन मेले में प्रतिबंधित पॉलीथिन के इस्तेमाल का मामला, एक दूसरे पर जिम्मेदारी टाल रहे अफसर
भोपाल न्यूज़: प्रदूषण की रोकथाम से लेकर व्यवस्था बनाने तक कई निर्देश सरकारी विभागों से जारी हुए लेकिन इन पर अमल नहीं कराया जा रहा है. ऐसे ये कागजों तक सीमित हैं. प्रतिबंधित पॉलीथिन के उपयोग से लेकर इसके परिवहन तक रोक लगाने सीएम के निर्देश है. इसके बाद भी इनका पालन नहीं किया जा रहा है. वन मेले में कई स्टाल पर प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग हो रहा है. जिन पर जांच का जिम्मा है वे इसे एक दूसरे पर टाल रहे हैं.
राजधानी में अंतरराष्ट्रीय वन मेले में प्रदेश के कई जिलों से आयुर्वेद का खजाना लेकर किसान और जड़ी बूटियों के जानकार आए हैं. करीब तीन सौ स्टाल लगे हैं. इन उत्पादों को प्रदर्शित करने के साथ ही ये बेचने के लिए भी रखे गए हैं. इन उत्पादों को रखने के लिए अधिकांश जगहों पर प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग होता नजर आया. शासन की रोक के बाद भी इसका असर मेले में नहीं दिखा. इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि जांच की जिम्मेदारी नगर निगम की है. पीसीबी भी इस पर कार्रवाई करता है. यहां की जवाबदारी भी इन्हीं एजेंसियों के हाथ है. जड़ी बूटियों से लेकर दूसरे कई सामान में यहां अगर उपयोग हो रहा है तो ये विभाग ही कार्रवाई करेंगे.
जोन स्तर पर टाली जिम्मेदारी: एक्सपर्ट के मुताबिक किसी भी आयोजन सहित बाजार और अन्य जगहों पर उपयोग को रोकने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. रोक लगाने के लिए अधिकारी इस पर कार्रवाई करते हैं. इस प्रकरण में जिम्मेदारों से बात की तो मामला जोन स्तर पर टाल दिया गया. वही जोन के जिम्मेदार इसे लेकर स्पष्ट कुछ कहने तैयार नहीं हैं. समाजसेवी उमाशंकर तिवारी ने बताया कि स्वास्थ्य और पर्यावरण की बेहतरी के लिए मेले में कई जड़ी बूटियां हैं. कई वैध और जानकार प्रदेशभर से आए हैं. इस बीच पॉलीथिन का यहां पर उपयोग गलत मैसेज दे रहा है. जिम्मेदारों को जांच कर इस पर रोक लगानी चाहिए ताकि यहां से प्रदेश स्तर पर रोक का संदेश सभी जगह पहुंच सके.