मिल मजदूरों को 174 करोड़ रुपये देने के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने सहमति नहीं दी
खत्म नहीं हुआ मजदूरों का इंतजार
इंदौर: औसत 70 साल के हो चुके हुकमचंद मिल मजदूरों का इंतजार ही खत्म नहीं हो रहा है। पिछले तीन महीने से सरकार यह नहीं बता रही है कि बकाया भुगतान कैसे किया जाएगा। हाउसिंग बोर्ड ने मिल की जमीन पर मल्टी, मार्केट बनाने का प्रस्ताव दिया है। कैबिनेट के पास यह प्रस्ताव विचाराधीन है। मजदूरों को 174 करोड़ रुपए दिए जाना हैं। 5 साल पहले हाई कोर्ट ने मजदूरों को पहली किस्त के रूप में 50 करोड़ दिलवाए थे। उसके बाद से नए-नए प्रस्ताव जमीन बेचने के बन रहे हैं।
मंगलवार को भी हाई कोर्ट के समक्ष इस मामले की सुनवाई हुई। सरकार की ओर से फिर तीन सप्ताह का वक्त मांग लिया गया। कहा गया कि कैबिनेट में इस प्रोजेक्ट की फाइल गई है। बैठक होने के बाद कुछ बताया जा सकता है। मजदूर नेता हरनाम सिंह धालीवाल का कहना है कि मजदूरों को 1 से डेढ़ लाख रुपए ही मिलना है। 23 साल से उनका संघर्ष चल रहा है। हालत इतनी खराब हो गई है कि 250-300 रुपए भी ब्याज पर लेना पड़ रहे हैं।