दमोह :जबलपुर मार्ग पर एक तेंदुआ राहगीरों को दिख रहा है, जिसकी खोज में वन अमला चिकरघिन्नी बना है। क्योंकि लोगों के द्वारा तेंदुआ दिखने के बाद वनअमले को सूचित किया जाता है और वनकर्मी जब बताए स्थान पर पहुंचते हैं तो वहां उन्हे तेंदुआ नहीं मिलता। अब एक बस चालक को तेंदुआ दिखा, यह चार दिन में दूसरी बार दिखा है। चालक ने तत्काल वन अमले को सूचना दी। जानकारी लगते ही वन अमला मौके पर पहुंचा और खोजबीन शुरू की। लेकिन देर रात तक तेंदुए की कोई जानकारी नहीं लगी और वन अमला वापस लौट आया।
तेंदुआ तेंदूखेड़ा और जबलपुर जिले की सीमा और समीप ही बहने वाले बगदरी फाल नामक स्थान पर अपना डेरा डाले हुए हैं और ऐसा बताया जा रहा है कि तेंदुआ यहां एक साल से निवास कर रहा है। बगदरी फाल प्रकृति का वह मनमोहक स्थान है, जहां बड़ी-बड़ी खाई हैं और यहां अनेक तरह की गुफाओं के होने के साथ बारह महीने पानी भी रहता है और यह तेंदुआ गुफा से निकलने के बाद इधर, उधर घूमता रहता है। यह जानकारी पूरी तरह सूत्रों द्वारा दी गई है और ज़ब भी तेंदुआ दिखा है इसी स्थान के आसपास दिखाई देता है, उसके बाद गायब हो जाता है।
तेंदुआ पिछले एक साल से दमोह-जबलपुर की सीमा पर अपना रहवास बनाए हुए हैं। इसमें कोई दो मत नहीं है। समय-समय पर तेंदुआ लोगों को मिलता रहा। वह भी लगातार जानकारी देते रहे, लेकिन खोजबीन में तेंदुआ न मिलने के कारण वन अमला इसको हमेशा अनदेखा करता रहा। एक वर्ष पूर्व नरगवां निवासी दीपू लोधी को जबलपुर से लौटते समय इस मार्ग पर तेंदुआ वहां खुदे कुएं के पास दिखा था, जिससे वह भयभीत हो गया और चुपचाप घर निकल आया। करीब छह महीने पहले तेंदुआ मनहारी का कार्य करने वाले युवक को भी तेंदूखेड़ा सीमा पर दिखा था। उस समय तेंदुआ मुख्य मार्ग पार कर रहा था, जिसकी सूचना युवक ने मीडिया को उसी समय दी थी। इसके अलावा अन्य लोगों को भी तेंदुआ समय-समय पर दिखता रहा, जिसका स्थान एक ही है और उसी स्थान से कुछ दुरी पर बगदरी फाल है। जहां वह रहवास बनाया है, क्योंकि उस स्थान पर वह सभी सुविधाएं हैं, जो तेंदुए के लिए जरूरी हैं।
दो बार इनको दिखा
पांच दिन पहले तेंदूखेड़ा निवासी सौरभ खरे अपने साथी रुपेश दिवाकर के साथ रात में जबलपुर से वापस आ रहे थे। जैसे ही वह घटिया के समीप पहुंचे तो उनको तेंदुआ दिखा, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी कार तेंदुआ की ओर मोड़ी वह जंगली मार्ग में अंदर चला गया। उस समय भी सौरभ खरे ने बताया था कि तेंदुआ बगदरी फाल की ओर ही गया है और रविवार की शाम को फिर तेंदुआ इस सीमा पर खड़ा हुआ था, जिसको एसटीडी बस के चालक देवेंद्र यादव द्वारा देखा गया। उन्होंने इसकी सूचना मीडिया को दी, साथ ही तेंदूखेड़ा रेंज जाकर भी वनकर्मियों को तेंदुआ के संबंध में अवगत कराया। तेंदूखेड़ा एसडीओ रेखा पटेल ने बताया कि तेंदुआ तेंदूखेड़ा वन परिक्षेत्र की सीमा में दिखा है। आज कई गांव में जाकर लोगों को जागरुक किया गया है। उनको निर्देश दिये गये हैं कि जंगल की ओर न जाएं न बच्चों को छोड़े।