नई दिल्ली,। मिशन इलेक्शन की तैयारी में जुटे भाजपा आलाकमान ने पार्टी संगठन में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसी मुहिम के तहत भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को चार राज्यों में बदलाव करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री डी. पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश का, वर्तमान केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को चुनावी राज्य तेलंगाना का, सुनील जाखड़ को पंजाब का और बाबूलाल मरांडी को झारखंड का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था।
भाजपा सूत्रों की मानें, तो आने वाले दिनों में नड्डा को आधे दर्जन से ज्यादा राज्यों जिनमें - मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, गुजरात और जम्मू-कश्मीर शामिल है, में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति करनी है। हालांकि मध्य प्रदेश को लेकर एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है। मध्य प्रदेश में 2018 के पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस से हार चुकी भाजपा इस बार अपनी तैयारी में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। इसलिए पिछले साल, मार्च 2022 में भाजपा ने मध्य प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए पार्टी के तत्कालीन प्रदेश महासचिव (संगठन) सुहास भगत को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में वापस भेजकर हितानंद शर्मा को प्रदेश भाजपा का नया महासचिव (संगठन ) नियुक्त किया था।
भाजपा आलाकमान की मंशा मध्य प्रदेश में बड़े बदलाव करने की थी, लेकिन कर्नाटक के नतीजों ने उसे रुकने पर मजबूर कर दिया। पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कार्यकाल पूरा हो चुका है और पार्टी प्रदेश में नया अध्यक्ष नियुक्त करना चाहती है, लेकिन सूत्रों की मानें तो दिल्ली से कोई भी बड़ा नेता इस समय प्रदेश अध्यक्ष बन कर भोपाल जाने को तैयार नहीं है। तर्क यह दिया जा रहा है कि अब तैयारी के लिए या पूरे प्रदेश में घूमने के लिए बहुत कम समय बचा है।
हालांकि, अनिच्छा जताने के साथ ही सबने यह कहते हुए गेंद भाजपा अध्यक्ष नड्डा के पाले में डाल दी है कि पार्टी का जो भी आदेश होगा, वो उसे स्वीकार करेंगे। ऐसे में मध्य प्रदेश में नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश अभी जारी है। बताया जा रहा है कि पार्टी आलाकमान की यह तलाश अगर पूरी नहीं हो पाई तो पार्टी राज्य के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल विधान सभा चुनाव होने तक के लिए बढ़ा सकती है। हालांकि पार्टी आलाकमान अभी भी यही चाहता है कि दिल्ली से कोई बड़ा नेता भोपाल जाकर प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाले। ऐसे में अब दिल्ली से लेकर भोपाल तक भाजपा के कई नेता पार्टी आलाकमान के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं।