भोपाल (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले हुए नगर निकाय के उपचुनाव में भाजपा ने बढ़त हासिल की है जबकि कांग्रेस को प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के गृह नगर और विधानसभा क्षेत्र छिंदवाड़ा में बड़ा झटका लगा है जहां नगर निगम के पार्षद चुनाव में कांग्रेस की हार हुई है। वहीं छिंदवाड़ा के ही डोगर परासिया में कांग्रेस प्रत्याशी जीता है। राज्य में नगर निकाय के कुल 13 स्थानों पर पार्षदों के लिए उपचुनाव हुए थे। इनमें से सात स्थानों पर भाजपा को जीत मिली वहीं छह स्थानों पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण मुकाबला छिंदवाड़ा नगर निगम के वार्ड क्रमांक 42 का था क्योंकि यह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गृह जिला है और वे यहां से विधायक भी हैं। इस उपचुनाव में भाजपा के संदीप सिंह चौहान ने कांग्रेस के राजेंद्र स्वामी को शिकस्त दी है। यह ऐसा जिला है जहां सांसद, महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष भी कांग्रेस से हैं। वहीं डोंगर परासिया के वार्ड छह से पूजा मरकाम चुनाव जीती हैं।
राज्य के इन पार्षदों के उपचुनाव में भाजपा को सागर के बिलेहरा, बांदरी, मुरैना के जौरा, सतना के कोटर, शहडोल के बुढार और नीमच के रतनगढ़ में जीत मिली जबकि सतना, छिंदवाड़ा के डोंगर परासिया, धार के सरदारपुर, मंदसौर, देवास के सतवास और बुरहानपुर के शाहपुर में कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिली है।
छिंदवाड़ा नगर निगम में मिली जीत से भाजपा उत्साहित है और इसे अपनी बड़ी सफलता के तौर पर देख रही है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है, छिंदवाड़ा गरीब कल्याण की योजनाओं के हितग्राहियों का गढ़ है। आज यह साबित हुआ है कि पार्षद के उपचुनाव में कमलनाथ की अपील करने के बाद नकुल नाथ के पार्षद चुनाव में सक्रिय होने के बाद भी वार्ड के सभी बूथों पर भाजपा ने ऐतिहासिक जीत पाकर छिंदवाड़ा के अंदर इतिहास बनाया है। छिंदवाड़ा की जनता ने कमलनाथ, 'मिस्टर बंटाढार' और प्रियंका गांधी जो चुनाव प्रचार करके अभी गई थीं, उन्हें भी आइना दिखाया है।
वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के मीडिया सलाहकार पियूष बबेले ने छिंदवाड़ा जिले के नगरीय निकाय डोंगर परासिया के वार्ड क्रमांक छह से कांग्रेस प्रत्याशी पूजा मरकाम की जीत पर उन्हें बधाई देते हुए कहा, जो लोग छिंदवाड़ा वार्ड 42 की जीत पर खुशी मना रहे हैं वह पूजा मरकाम की जीत को शायद पचा नहीं पा रहे। यही है भाजपा का आदिवासी विरोधी चेहरा।
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