44 जिला पंचायतों में भाजपा, कांग्रेस का पलटवार- फर्जी हैं आंकड़े

Update: 2022-07-17 10:56 GMT

मध्यप्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। शनिवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दावा किया कि गुना में दिग्विजय सिंह का सूपड़ा साफ हो गया है।

मध्यप्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने शनिवार को कहा कि गुना में कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का सूपड़ा साफ हो गया है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की विधानसभा में आने वाली चार में से तीन जनपद पंचायतों में कांग्रेस प्रत्याशी हारे हैं। वहीं, कांग्रेस का कहना है कि भाजपा झूठे आंकड़े सामने रख रही है।

प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ग्रामीण निकाय चुनाव के परिणामों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 52 जिला पंचायतों में चुनाव हुए थे। इनमें से 44 जिला पंचायतों में भाजपा को ऐतिहासिक बहुमत मिला है। 84 प्रतिशत जिला पंचायतों में भाजपा को सफलता मिली है। आठ अन्य जिलों में भी भाजपा की जिला पंचायत बनाने के लिए प्रयास चल रहे हैं। इनमें से 3 जिलों में थोड़ी कठिनाई रही है, लेकिन 29 तारीख को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

जनपद पंचायतों में 74.44% सफलता

शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 313 जनपद पंचायतों में से 233 में भाजपा के लोग जीते हैं। इस हिसाब से भाजपा की सफलता दर करीब 74.44 फीसदी रही है। बचे हुए स्थानों से भी अभी पार्टी के पक्ष में जानकारी मिल रही है। 27 और 28 जुलाई को और भी बेहतर स्थिति सामने आने की उम्मीद है।

19 हजार 863 पंचायतों में भाजपा के सरपंच

शर्मा ने कहा कि प्रदेश की 22 हजार 924 पंचायतों में चुनाव हुए थे। इनमें से 19 हजार 863 पंचायतों में भाजपा समर्थित सरपंच चुने गए हैं। प्रदेश की 87 प्रतिशत पंचायतों में सरपंच भाजपा के रहेंगे। पंचायत चुनाव में सबसे खास बात यह रही कि 650 पंचायतों में भाजपा के प्रत्याशी निर्विरोध जीते हैं।

कांग्रेस के धुरंधरों का सूपड़ा साफ

शर्मा ने कहा कि ग्रामीण निकाय चुनाव में प्रदेश की जनता ने गुंडागर्दी और तिकड़म की राजनीति करने वाले कांग्रेस के धुरंधरों को अच्छा सबक सिखाया है। गुना में दिग्विजय सिंह का सूपड़ा साफ हो गया है। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह की विधानसभा में चार में से तीन जनपद पंचायतों में कांग्रेस के प्रत्याशी हार गए। इंदौर में मतदाताओं ने कांग्रेस को सबक सिखाया है। भिंड में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो चुका है। अल्पसंख्यकों को अपना वोटबैंक मानकर राजनीति करने वाली कांग्रेस को बुरहानपुर के मतदाताओं ने ऐसा सबक सिखाया है कि कांग्रेस कभी भूलेगी नहीं। बुरहानपुर के मतदाताओं ने कांग्रेस मुक्त जिला पंचायत बनाई है। छिंदवाड़ा में भी कांग्रेस की स्थिति ठीक नहीं रही है। इन चुनावों ने यह बता दिया है कि झूठ बोलने वाली, जनता को गुमराह करने वाली ताकतें बुरी तरह असफल रही हैं।

कांग्रेस का दावा- झूठ बोल रही है भाजपा

कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने कहा कि भाजपा झूठ की बुनियाद पर बनी है। लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है। भाजपा ने फर्जी आंकड़े पेश कर अपनी वाहवाही लूटने की कोशिश की है। निर्वाचन से संबंधित आंकड़े भी पेश करें। 875 में से 376 कांग्रेस, 360 भाजपा और 129 निर्दलीय हैं, जो कांग्रेस समर्थक हैं। 400 लोगों को भाजपा ने निकाल दिया है। टीकमगढ़ में बीजेपी के विधायक राकेश गिरी ने कांग्रेस नेता के बेटे को गोली मारने की बात कही, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। बीजेपी के 85 प्रतिशत समर्थक जीतने का दावा कर रहे हैं, लेकिन टीकमगढ़ में एक विजयी प्रत्याशी को विधायक की पत्नी के कहने पर हरवा दिया गया। निर्वाचन आयोग भाजपा का अनुषांगिक संगठन बन गया है। वीडी शर्मा भी झूठ का स्मारक रच रहे हैं।


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