धार के 304 करोड़ की लागत से बन रहे कारम बांध में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों ने तीन माह पहले इसकी शिकायत जिला प्रशासन से सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को किया, लेकिन उस पर जांच नहीं करने का आरोप लगा है।
धार के 304 करोड़ के कारम बांध निर्माण में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों ने तीन माह पहले इसकी शिकायत जिला प्रशासन से लेकर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों को करने का दावा किया, लेकिन उस पर कोई जांच नहीं करने का आरोप लगाया है।
धार के धरमपुरी स्थित गांव कोठीदा में कारम नदी पर निर्माणाधीन बांध के फूटने की आंशका ने दो दिन से सरकार की नींद उड़ा दी है। सेना से लेकर सरकार के दो-दो मंत्री बांध साइट पर मौजूद है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी लगातार बांध की वस्तुस्थिति और बचाव कार्यों की जानकारी ले रहे हैं। इस बीच एक स्थानीय व्यक्ति का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें तीन महीने पहले बांध में भ्रष्टाचार की शिकायत धार कलेक्टर से लेकर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से करने का आरोप लगाया गया है। बांध का निर्माण मिट्टी में बड़े-बड़े पत्थरों को दबाकर किया गया है। इससे बांध की दीवार पर दबाव बढ़ने पर उसके टूटने की संभावना ज्यादा हो सकती है। इससे बांध के निचले इलाके में आने वाले हजारों लोगों की जान खतरे में पड़ने की बात कहते हुए जांच करने की बात कही गई है। इसके बावजूद प्रशासन की तरफ से मामले में न तो जांच शुरू की गई और न ही शिकायतकर्ता को कोई संतोषजनक जवाब दिया गया। अब बांध के रिसाव के बाद भ्रष्टाचार के आरोप पर मुहर लगती दिख रही है। इसके बावजूद अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
धार जिले की धरमपुरी तहसील के ग्राम कोठीदा भारुडपुरा में करीब 304 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे निर्माणाधीन बांध में पहली ही बारिश में गुरुवार को रिसाव शुरू हो गया है। कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के बांध के दाएं हिस्से में 500-530 के मध्य डाउन स्ट्रीम की मिट्टी फिसलने से बांध को खतरा पैदा हुआ था। इस बांध की लंबाई 590 मीटर और ऊंचाई 52 मीटर है। वर्तमान में इसमें 15 एमसीएम पानी इस बांध में जमा है। लीकेज की खबर मिलते ही इंदौर के आईजी और कमिश्नर तथा धार व खरगोन के कलेक्टर और एसपी घटनास्थल पर पहुंचे।
आगरा-मुंबई नेशनल राजमार्ग को डायवर्ट कर दिया गया। भोपाल और इंदौर के विशेषज्ञों की टीम मौके पर मौजूद है। बांध का पानी खाली कर बांध की दीवार में राहत-बचाव का कार्य किया जा रहा है।