Bhopal: मध्य प्रदेश में गठित होगी राज्य स्तरीय हाथी टास्क फोर्सः मुख्यमंत्री यादव
10 हाथियों की मृत्यु की घटना दुखद: यादव
भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिवर्ज वन क्षेत्र में पिछले दिनों 10 हाथियों की अलग-अलग दिन हुई मृत्यु की घटना दुखद है, जिसे राज्य शासन ने गंभीरता से लिया है। वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार सहित वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने क्षेत्र का भ्रमण किया है। प्रारंभिक रिपोर्ट में कोई कीटनाशक नहीं पाया गया है। पोस्टमार्टम की विस्तृत रिपोर्ट आना शेष है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्य स्तरीय हाथी टास्ट फोर्स गठित किया जाएगा। हाथी- मानव सह अस्तित्व सुनिश्चित करने के लिए हाथी मित्र बनाए जाएंगे। जिन क्षेत्रों में हाथियों की आवाजाही अधिक है, वहां किसानों की फसलों को बचाने के लिए सोलर फेंसिंग की व्यवस्था होगी। साथ ही किसानों को कृषि के अलावा कृषि वानिकी एवं अन्य वैकल्पिक कार्यों से भी जोड़ने के प्रयास होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार देर शाम अपने निवास पर आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हाथियों के बड़े दल के रूप में आने की घटना गत दो तीन वर्ष में एक नया अनुभव भी है। उमरिया और सीधी जिले में बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी दिख रही है। ऐसे में फील्ड डॉयरेक्टर एवं अन्य अधिकारियों को सतर्क और सजग रहने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आने वाले समय में ऐसे वन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिसमें हाथियों की बसाहट के साथ सहअस्तित्व की भावना मजबूत हो सके। केंद्रीय वन मंत्री से भी इस संबंध में चर्चा हुई है। वे मार्ग दर्शन करेंगे जिससे वन विभाग इस क्षेत्र में ठोस कार्यवाही कर सके। जिन जिलों में हाथी वन क्षेत्रों में रह रहे हैं वहां हाथी मित्र जन-जागरूकता के लिए कार्य करेंगे।
दोषी अधिकारियों का निलंबन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाथियों की मृत्यु की इतनी बड़ी घटना के समय फील्ड डॉयरेक्टर का अवकाश से वापस न आना और पूर्व में हाथियों के दल आने के संदर्भ में जो आवश्यक चिंता की जाना चाहिए, वह नहीं की गई। इस लापरवाही के लिए फील्ड डॉयरेक्टर गौरव चौधरी को सस्पेंड किया गया है। साथ ही प्रभारी एसीएफ फतेह सिंह निनामा को भी निलंबित किया गया है।
प्रदेश के अधिकारी कर्नाटक, केरल और असम जाकर करेंगे अध्ययन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बांधवगढ़ क्षेत्र एवं अन्य वन क्षेत्रों में हाथियों के रहने की अनुकूल और आकर्षक स्थिति है। वन क्षेत्रों का प्रबंधन उत्तम होने से हाथियों के दल जो छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों से आया करते थे और वापस चले जाते थे वे अब वापस नहीं जा रहे हैं। यहां बड़े पैमाने पर हाथियों द्वारा डेरा डालने की स्थिति देखी जा रही है। यह मध्यप्रदेश की वन विभाग की गतिविधियों का हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में हाथियों की आवाजाही को देखते हुए स्वाभाविक रूप से स्थाई प्रबंधन के लिए शासन के स्तर पर हाथी टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया जा रहा है।
हाथियों को अन्य वन्य-प्राणियों के साथ किस तरह रहवास की सावधानियां रखना चाहिए, इसके लिए योजना बनाई जा रही है। इसमें कर्नाटक, केरल और असम राज्यों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को शामिल किया जाएगा। इन राज्यों में बड़ी संख्या में हाथी रहते हैं। इन राज्यों में मध्य प्रदेश के अधिकारियों को भेजा जाएगा, जिससे सहअस्तित्व की भावना के आधार पर हाथियों के साथ बफर एरिया, कोर एरिया में बाकी का जन जीवन प्रभावित न हो, इसका अध्ययन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हाथियों की सुरक्षा को भी खतरा न हो। इस पर हमने गंभीरता से विचार किया है। एक बात हमने और अनुभव की है। नजदीक के बफर एरिया के बाहर के जो मैदानी इलाके हैं वहां की फसलें उसमें सोलर फेंसिंग या सोलर पैनल द्वारा व्यवस्था कर फसलों को सुरक्षित किया जाएगा। यह मनुष्यों के लिए भी सुरक्षा का साधन होगा। वन विभाग को कहा गया है ऐसे क्षेत्रों में कहां-कहां कृषि हो रही है, उसे कैसे बचा सकते हैं। हाथी फसल नष्ट न कर पाएं, यह सुनिश्चित करना होगा। यह चिंता के साथ जागरूकता का भी विषय है। बफर क्षेत्र में ग्रामीण समुदाय की भागीदारी हाथियों और मानव के सहअस्तित्व को सुनिश्चित कर सके, जिससे यह एक दूसरे के साथ जीना सीख सकें।
जनहानि पर 25 लाख रुपये प्रति व्यक्ति देने का निर्णय
मुख्यमंत्री ने कहा कि उमरिया जिले में जो घटना घटी है इसमें जनहानि को लेकर आठ लाख रुपये प्रति व्यक्ति के परिजन को दिया जाता था, उसको बढ़ाकर अब 25 लाख रुपये प्रति व्यक्ति करने का निर्णय लिया है। इस घटना में दो व्यक्तियों की मृत्यु हुई है उनके परिवारों को भी इससे जोड़ा है। कृषि वानिकी में अन्य प्रकार से वन क्षेत्र के प्राइवेट सेक्टर को जोड़कर पम्परागत खेती के अलावा अन्य कार्यों के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेंगे। इससे किसान सामान्य फसल लेने के बजाए वन क्षेत्र की व्यवस्थाओं से जुड़ें और उसका लाभ लें।
महत्वपूर्ण उपाय लागू करने विशेषज्ञों को आमंत्रित करेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि वन क्षेत्र में जो अकेले हाथी घूमते हैं और अपने दल से अलग हो जाते हैं, इनको रेडियो ट्रेकिंग का निर्णय लिया गया है। ट्रेकिंग कर उन पर नजर रखी जा सकेगी। आने वाले समय में ऐसी घटना न हो, भविष्य में इसका ध्यान रखा जा सकेगा। यह इस दिशा में ठोस कार्यवाही होगी। ऐसे अन्य महत्वपूर्ण उपायों को लागू करने के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के प्रयास किए जाएंगे।
हाथियों का दल स्थाई रूप से मध्यप्रदेश में रहने लगा है अत: आमजन से भी सहयोग की अपेक्षा है। जिन जिलों में हाथियों की बसाहट है वहां बेहतर प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन के माध्यम से जन-जागरूकता के प्रयास किए जाएंगे और लोगों को आवश्यक जानकारी दी जाएगी। प्रदेश में टाइगर और अन्य वन्य-प्राणी जिस तरह स्थाई निवास करते हैं, अब हाथी भी हमारे वनों का हिस्सा बन गए हैं।
मुख्यमंत्री ने ली विस्तारपूर्वक जानकारी
मुख्यमंत्री ने बैठक में उमरिया से लौटे उच्च स्तरीय दल से हाथियों की मृत्यु के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त की। वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार और अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल ने उमरिया जिले के दौरे में विभिन्न पहलुओं की जांच और अध्ययन का विवरण दिया। मुख्य सचिव अनुराग जैन बैठक में वर्चुअल शामिल हुए। अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव भरत यादव, जनसम्पर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
खितौली रेंज के बगदरा बीट में हाथी की पहचान कर किया रेस्क्यू
अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि 02 नवम्बर को दो लोगों को कुचलने वाले हाथी की पहचान कर पीसीसीएफ वाइल्ड-लाइफ और एपीसीसीएफ वाइल्ड-लाइफ के नेतृत्व में वन्य-जीव पशु चिकित्सकों, रेस्क्यू दल, क्षेत्र संचालक, उप संचालक बाँधवगढ़ टाइगर रिजर्व की टीम सहित कुल 40 कर्मियों ने हाथी को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया है।