Bhopal: जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत भारत को 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले
गंभीर बीमारियों के रोकथाम के लिए रणनीति होगी तैयार
भोपाल: पशु-से-मानव रोगों को रोकने के लिए पहले से चल रहे "वन हेल्थ" कार्यक्रम को मजबूत किया जाएगा, जिसके लिए भारत को बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लूएंजा) और अन्य बीमारियों से निपटने के लिए जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत 25 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले हैं।
टीबी समेत कई बीमारियों का प्रकोप: भोपाल में बर्ड फ्लू की निगरानी और नियंत्रण पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों से इस संबंध में सुझाव भी लिए गए। जिसमें अधिकारियों के साथ 40 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यशाला में शामिल हुए केंद्रीय पशुपालन आयुक्त अभिजीत मित्रा ने कहा कि टीबी समेत कई ऐसी बीमारियां हैं, जो जानवरों से इंसानों में फैल सकती हैं, लेकिन लोगों को यह नहीं पता होता कि यह बीमारी कहां से फैलती है.
वन हेल्थ मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ पालतू जानवरों और वन्यजीवों के स्वास्थ्य पर समग्र दृष्टिकोण रखता है। इसके लिए संबंधित विभाग मिलकर काम करें. उन्होंने कहा कि जी-20 समिट के तहत मिलने वाले फंड से लैब की क्षमता बढ़ाई जाएगी. निगरानी के लिए अधिक से अधिक नमूने लिए जा सकते हैं, ताकि आउट ब्रेक का तुरंत पता लगाया जा सके और नियंत्रित किया जा सके।
बर्ड फ्लू की निगरानी एवं रोकथाम पर चर्चा: कार्यशाला में दूसरे दिन विशेषज्ञों के सुझावों पर चर्चा की गयी. जिसमें पूरा फोकस बर्ड फ्लू की निगरानी और रोकथाम पर था. विशेषज्ञों से यह मॉडल बनाने को कहा गया कि बर्ड फ्लू फैलने की स्थिति में क्या करना चाहिए। कार्यशाला में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, केंद्रीय पशुपालन विभाग, मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग और असम, उड़ीसा, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के पशु और वन्यजीव विशेषज्ञों ने भाग लिया।